दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । जनपद में बिना लेआउट के अवैध तरीके से प्रापर्टी डीलर खेतों में साइट काटकर लोगों को प्लाट बेच देते हैं बाद में वर्षों तक ग्राहकों का आवासीय नक्शा नहीं पास हो पाता जबकि बिना कोई सुविधा दिए ग्राहकों के साथ ठगी का दौर जारी है। ले आउट न होने से भूमाफियाओं को सरकारी राजस्व भी नहीं देना पड़ता जिससे करोड़ों का सरकार को चूना लगाया जा रहा है। राजस्व प्रशासन की मिलीभगत से दशकों से फतेहपुर जनपद में भूमाफिया खुली लूट को अंजाम दे रहे हैं। भूमाफियाओं की इस लूट में राजस्व कर्मियों व अधिकारियों की भी बराबर की भूमिका रही है। अति तो तब हुई जब शहर क्षेत्र के बीचों बीच पॉश इलाके में डीएम व एसपी के बंगले से 400 मीटर दूर और वन विभाग से महज 300 मीटर दूर भूमाफियाओं ने एक हरे भरे बाग को निशाना बना दिया।
बिना ले आउट के हरे भरे बाग में हो गई थी प्लॉटिंग
बता दें कि बाग में हजारों ऐसे पेड़ हैं जो प्रतिबंधित हैं। मगर भूमाफियाओं ने उसका सौदा कर बिना ले आउट के उसमे प्लॉटिंग कर दी। जहां दर्जनों प्लाटों की बिक्री भी हो चुकी है। दैनिक भास्कर ने भूमाफियाओं की अराजकता और पर्यावरण को बचाने के लिए अभियान चलाया जिस पर बड़ी कार्रवाई हुई है। बिना ले आउट के प्लाटिंग के मामले में उप जिला मजिस्ट्रेट ने अवैध निर्माण गिराने के लिए आदेशित किया है।
बैनामे में नहीं दिखाये गए थे पूरे पेड़, स्टॉम्प की भी हुई चोरी !
बता दें कि अवैध प्लाटिंग संचालको के कारनामो की दैनिक भास्कर अखबार में पूर्व में कई खबरें प्रकाशित हुई जिसको संज्ञान में लेकर तत्कालीन डीएम श्रुति ने विनियमित विभाग को अवैध प्लॉटिंग संचालको पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था जिसके बाद विनियमित विभाग ने तेरह प्लाटिंग मालिकों/संचालको व भूमाफियाओं के खिलाफ धारा 10 के तहत बिना लेआउट के अवैध तरीके से प्लाटिंग करने के मामले में नोटिस जारी की थी। नोटिस जारी करने के बाद विभाग पर बड़ा दबाव था। अवैध तरीके से चल रही प्लॉटिंग में कई सत्ता के नेताओं का भी वरदहस्त है जिस वजह से विभाग भी ठंडा पड़ा था। उच्चाधिकारी भी लगातार महीनों तक जांच की बात करते रहे लेकिन अवैध प्लॉटिंग संचालको के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दैनिक भास्कर अखबार में शीर्षक “नोटिस कूड़े के ढेर में, धड़ल्ले से हो रहे प्लॉटिंग में बैनामे” व “अवैध प्लाटिंग संचालको के खिलाफ नोटिस जारी, जांच अधर में लटकी” प्रकाशित हुई जिसके बाद डीएम सी इंदुमती ने मामले को संज्ञान में लिया तब सम्बंधित विभाग भी जागा। मामले की सुनवाई उप जिला मजिस्ट्रेट विनियमित क्षेत्र फतेहपुर में हुई जिसमें उपजिलाधिकारी ने दो प्लाटिंग मालिको/संचालको महेंद्र विक्रम मान सिंह व असलम शेर खान के खिलाफ सम्बन्धित पूरी प्लाटिंग में हो रहे निर्माण को गिराने का आदेश जारी किया है ! हालांकि मामले में सत्ता के नेताओ की दबाव की वजह से प्रशासन ने दोनो प्लाटिंग संचालको/मालिको को 60 दिन का समय दिया है ताकि वह सरकारी राजस्व जमा कर लेआउट बनवा लें।
उपजिला मजिस्ट्रेट विनियमित क्षेत्र के आदेश में लिखा है कि महेंद्र विक्रम सिंह को निर्देशित किया जाता है कि उनके द्वारा पूर्वोक्त कराए गए निर्माण के शमन हेतु उत्तर प्रदेश निर्माण कार्य विनियमन अधिनियम 1958 की धारा 6 के तहत आवेदन प्रस्तुत कर धारा 10 ( 1 ) में प्रावधानित समय अवधि 60 दिन के भीतर अपने भूखंड का शमन मानचित्र कार्यालय विनियमित क्षेत्र फतेहपुर में दाखिल करते हुए शमन की प्रक्रिया पूर्ण कर लें। अन्यथा की स्थिति में उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश निर्माण कार्य विनियमन अधिनियम 1958 की धारा 10 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कराए गए निर्माण को हटा दिया जाएगा।