फतेहपुर : सूखा भूसा खाने को मजबूर हुए गौवंश, कंकाल में तब्दील हुए गोवंश !

दैनिक भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । बकेवर-देवमई विकास खण्ड के भैसौली मजरे बिसरौली गाँव मे गोवंशों की दुर्दशा है गोशाला के अन्दर व बाहर गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है। गोवंशों के लिए उचित चारे पानी की ब्यवस्था नही है। भूख प्यास से ब्याकुल गोवंश कंकाल में तब्दील हो रहे हैं। बीमार गोवंशों के इलाज की भी कोई समुचित ब्यवस्था नहीं है। डॉक्टर मुख्यालय से ही नौकरी कर रहे हैं। बारिश होने के चलते गोशाला के अंदर व बाहर जलभराव के चलते दलदल बन गया है। इन सब अब्यवस्थाओं के बावजूद भी जिम्मेदार ग्राम प्रधान व पँचायत सचिव ने गोशाला की साफ सफाई करवाया जाना, बीमार गोवंशों के इलाज की समुचित ब्यवस्था कराया जाना और उनके चारे पानी की समुचित ब्यवस्था कराया जाना मुनाशिब नहीं समझा।

बारिश होने से गौशाला में बना दलदल, मीडिया की एंट्री बन्द

नतीजतन यथा स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं क्षेत्रीय संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर ग्राम प्रधान अरसद खान से दुर्दशा पर सवाल पूछा तो प्रधान ने गौशाला में ताला ड़लवा लिया ताकि वास्तविक स्थिति मीडिया के कैमरे में कैद न हो पाए। ग्रामीणों का कहना है कि हिंदूवादी सरकार में भी गौवँशो की दुर्दशा पर कोई ध्यान नही दे रहा है। गौशाला में तकरीबन 177 के आस पास गौवंश हैं जिनको खाने के नाम पर सिर्फ खाली भूसा दिया जा रहा है। एक केयर टेकर ने बताया कि दो महीनों से हम दो ही लोग हैं जो गायों की देखभाल के लिये लगे हुए हैं। इस बाबत वीडीओ रक्षा पांडे ने बताया कि केयर टेकर तीन हैं। 230 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से राज्यवित्त से पेमेंट किया जाता है। गौशाला हम लोगों के अंडर में नही है ये सीवीओ के अंडर में है। इस बाबत सीवीओ ने कहा कि वह अभी बैठक में ब्यस्त हैं।

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