फतेहपुर : शिवम हत्याकांड का फर्जी खुलासा, निर्दोषों को जेल भेजने का आरोप

दैनिक भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । थरियांव थाना पुलिस अपने कारनामों को लेकर अक्सर चर्चा में रही है लेकिन शिवम हत्याकांड के खुलासे में निर्दोषों को जेल भेजकर वाहवाही लूटने से क्षेत्र में पुलिस के प्रति लोगो की नाराजगी है। दरअसल हासिमपुर भेदपुर निवासी अनिल लोधी का 12 वर्षीय बेटा शिवम लोधी बीते आठ दिसंबर को गांव में बारात से लापता हो गया था जिसका शव 17 दिसंबर को गांव के बाहर एक तालाब में बोरे में मिला था। दिवंगत की मां रेणुका देवी ( आशाबहू ) की तहरीर पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी।उसके बाद से पुलिस लगातार आधा सैकड़ा से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है। घटना के लगभग एक माह बाद मां रेणुका देवी ने गांव के ही पूर्व प्रधान प्रति प्रतिनिधि समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दिया था।लेकिन पुलिस की जांच में रंजिश का मामला सामने आया था।

ग्रामीणों ने कहा मामले की हो सीबीआई जांच

थाना प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह ने तहरीर को चुनावी रंजिश बताया था लेकिन पुलिस ने महिला द्वारा दी तहरीर में दो लोगों को मुजरिम बनाकर जेल भेज दिया है जबकि दो लोगों को बरी कर दिया। थाना प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह ने एक दिन पहले ही मीडिया से बातचीत में बताया था कि गांव के ही एक कबाड़ी ने जुर्म कबूला है जिसने महिला से अवैध संबंध होने की बात कबूली है और महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बाद ही राज खुलने के भय से रास्ते के हटा दिया।

घटना वाली रात आरोपी पूर्व प्रधान के एक बारात में शामिल होने के हैं साक्ष्य

पुलिस ने रातो रात घटनाक्रम को मनगढ़ंत कर कबाड़ी को बरी कर चार लोगों को जेल दिया है। उधर पूर्व प्रधान विक्रम सिंह लोधी की पत्नी सुनीता भाई दीपक व ग्रामीण गुलाब, राजू साहू, दीपू साहू, ओमप्रकाश, नीरज, अवधेश आदि का कहना रहा कि घटना वाली रात पूर्व प्रधान गांव के विवेक साहू की बारात बसोहनी हुसेनगंज गए हुए थे। देर रात तक बारात में मौजूदगी का फोटो और वीडियो भी है लेकिन पुलिस ने मनमानी ढंग से फंसा दिया है।

उधर सचिन की पत्नी और पेट्रोल के पिता का कहना कि घटना वाली रात दोनों लोग घर पर मौजूद थे। पूर्व प्रधान के भाई दीपक ने बताया कि पारसनाथ के मुलाकात के बाद उसने बताया कि पुलिस ने टार्चर कर सभी का नाम कबूल कराया है। पारसनाथ के भाई मानसिंह के मुताबिक वह मानसिक विक्षिप्त है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है। ग्रामीणों में चर्चा रही कि पुलिस ने गलत खुलासा कर वाहवाही लूटी है। सही मुजरिम को जान बूझकर वादी के कहने पर और फजीहत से बचने के लिए बचाया गया है। हालांकि इस बाबत थानाध्यक्ष आशुतोष सिंह का कहना है कि खुलासा सही हुआ है।

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