दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । मौजूदा डबल इंजन की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तमाम योजनाओं व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलें है ताकि गांवो तक लोगों को अच्छी व निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। लेकिन आकांक्षी जनपद फतेहपुर में नकारा अधिकारियों की लापरवाही व अपनी जेब भरने के लालच में खुलेआम जगह-जगह अवैध अस्पताल और नर्सिंग होम खुलवा रखा है जहां झोलाछाप डॉक्टर बैठकर 24 घंटे जिंदा मरीजों का पोस्टमार्टम व इलाज के नाम पर जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं।
28 दिसम्बर तक मांगी पंजीकृत व अवैध अस्पतालों की सूची
जनपद में पंजीकृत अस्पतालो की संख्या लगभग 70 के आसपास है वही अपंजीकृत अस्पतालों व नर्सिंग होम की संख्या कई सैकड़ा में है जिस पर जिम्मेदार अधिकारी अस्पतालों को बंद कराने के लिए कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। मानक विहीन इन अस्पतालों में आए दिन कोई न कोई घटनाएं घटित होती हैं जो अखबारों व सोशल मीडिया के माध्यम सामने आती है। तीमारदारों द्वारा मरीज की मौत पर हंगामा होता है लेकिन कार्यवाई के नाम पर मामला सिर्फ नोटिस और बहुत हुआ तो एफआईआर तक सीमित होकर रह जाता है।
सरकारी डॉक्टर झोलाझापो के संचालन में करते सहयोग
जनपद में संचालित डग्गामार नर्सिंग ब्यवस्था स्वास्थ्य सेवा के रूप में न होकर सिर्फ अवैध व्यवसाय के रूप में चल रहा है जहां पर दिनदहाड़े सारे गलत काम होते हैं बावजूद इन पर कोई नकेल नहीं कसा जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर्स अपनी सेवा सरकारी अस्पताल में ना देकर इन फर्जी अस्पतालों में अपनी जेब भरने के लिए पहुंचकर इलाज/सर्जरी कर रहे हैं ऐसे में ये डॉक्टर भी कहीं ना कहीं अवैध व्यवसाय में सहयोगी के रूप में भूमिका निभा रहे हैं।
दैनिक भास्कर लगातार अवैध नर्सिंग होम व झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ खबरें प्रकाशित करता रहा है जिसको संज्ञान में लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर को एक पत्र जारी कर जिले में संचालित सभी पंजीकृत, झोलाछाप डॉक्टरों व अपंजीकृत अस्पतालों की सूची मांगी है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के क्रम में जनपद के सभी अधीक्षको, चिकित्सा प्रभारियो सामुदायिक व प्राथमिक से 28 दिसंबर 2022 तक उनके क्षेत्र में चल रहे पंजीकृत व गैर पंजीकृत की सूची मांगी है जो समय पर उपलब्ध न कराने पर क्षम्य नहीं होगा जिस पर कठोर कार्रवाई भी सम्भव है।
इस बाबत मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुनील भारतीय का कहना है कि जनपद में संचालित अपंजीकृत अस्पतालों की संख्या जानने के लिए सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने ब्लॉक पर संचालित झोलाछाप डॉक्टरों व अपंजीकृत अस्पतालों की सूची उपलब्ध कराएं ताकि अपंजीकृत नर्सिंग होम व अस्पतालों की संख्या का पता चल सके। जनपद में मौजूदा समय में लगभग 76 पंजीकृत अस्पताल/ नर्सिंग होम संचालित हैं।