फतेहपुर : नहर मरम्मत के नाम पर लाखों का घोटाला- जांच की मांग

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

औंग, फतेहपुर । विकास खण्ड देवमई के ग्राम गलाथा स्थित पम्प नहर में 7 अक्टूबर 2023 को नलकूप विभाग के अधिशासी अभियंता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर राष्ट्रीय बजरंग दल के नेतृत्व में लगभग डेढ़ सौ किसानों ने धरना प्रदर्शन किया था , जहां पर नायब तहसीलदार बिन्दकी अमरेन्द्र कुमार ने जांच तथा कार्यवाही का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया था। एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी न तो कोई जांच हुई और न ही कोई कार्यवाही हुई है।

राजकीय नलकूपों की फर्जी सिंचाई अधिशाषी अभियंता का हथियार –

बताया जाता है कि विकास खण्ड मलवां के करीब 22 राजकीय नलकूपों से फर्जी सिंचाई के आंकड़े उच्च अधिकारियों को भेजने के बाद अधिशाषी अभियन्ता नलकूप खण्ड वाहवाही बटोरने का काम कर रहे हैं और इसी कारण घोटाले की आवाज दबकर रह गई है। सरकार की मंशा के अनुसार अधिक से अधिक किसानों को पानी उपलब्ध कराना है। इसी का फायदा उठाकर फर्जी तौर पर पानी उपलब्ध कराने की रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है। विभागीय सूत्रो की माने तो इस फर्जी सिंचाई के आंकड़ों से अधिशाषी अभियन्ता कई बड़े बजट डकारने में सफल हो चुके हैं। किसी भी नहर के निर्माण या उच्चीकरण कार्य का तकनीकी मूल्यांकन कभी नहीं किया जाता है ।

उच्चीकरण में बड़े घोटाले का लगा है आरोप –

नायब तहसीलदार को सौंपे गए मांग पत्र के अनुसार नहर के उच्चीकरण के नाम पर  सिर्फ दो सौ मीटर नहर में मामूली प्लास्टर किया गया जबकि पूरी नहर डेढ़ किलोमीटर तक पक्की होनी थी। पाण्डु नदी से उपर तक जो सीढ़ी बनाई गई है वो एक महीने बाद कई जगह से चटक गई है, नहर में कई जगह खांदी हो जाने के कारण भारी पैमाने पर पानी लीक होने लगा है, जिससे अनावश्यक किसानों के खेतों में पानी भर जाता है और फसलें बर्बाद हो जाती हैं।

नहर में जाने के लिए जो सीढ़ियां बनवाई गई हैं वह मजाक से कुछ कम नहीं है। अधिशाषी अभियन्ता ने खानापूरी करके लाखों रुपए डकारने का काम किया है। सरकार की तरफ से सिंचाई निःशुल्क है। बस इसी बात का फायदा नलकूप विभाग उठा रहा है। फर्जी सिंचाई के आंकड़े शासन को प्रेषित किए जाते हैं, विभाग के बन्द नलकूप भी कागजों में पानी उगल रहे हैं, इस तरह  बिना मरम्मत कराए फर्जी बिल बाउचर लगाकर बजट का बंदरबांट किया जाता है।

ये थी ज्ञापन की प्रमुख मांगे –

राष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा दिए गए ज्ञापन में मांग की गई थी कि गलाथा पम्प कैनाल के उच्चीकरण कार्य की तकनीकी जांच विजिलेंस से कराकर दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाय और मलवां ब्लॉक के 22 राजकीय नलकूपों से की गई सिंचाई की जांच भी विजिलेंस के द्वारा की जाय। इस जांच से पूर्व सींच पर्यवेक्षक लक्ष्मीशंकर यादव को केन्द्र बिन्दु मानकर इनसे सिंचाई करने वाले किसानों की सूची हासिल कर प्रत्येक किसानो से पूछताछ की जाय तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही जाए ।

क्या कहते हैं जिम्मेदार –

अधिशाषी अभियन्ता नलकूप से स्पष्टीकरण मांगा गया था जिसकी जानकारी अभी प्राप्त नहीं हो पाई है।

अनिल कुमार , एसडीएम बिन्दकी

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