फतेहपुर : स्वास्थ्य मंत्री पर भारी पड़ा जनपद का स्वास्थ्य महकमा

दैनिक भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । बुधवार को जनपद में डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का दौरा था। भाजपा के फ्रंटल संगठनों के सम्मेलन में उन्हें आना था। स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दिन भी स्वास्थ्य महकमा बेलौस अंदाज में रहा। कहने को तो जिला चिकित्सालय मेडिकल कालेज से सम्बद्ध है। बेहतर स्वास्थ्य ब्यवस्था होने के दावे विभाग व प्रशासन अक्सर करता है लेकिन बुधवार को भास्कर की पड़ताल में जब स्वयं स्वास्थ्य मंत्री जनपद के दौरे में हों, तब ब्यवस्था बदहाल मिली। अस्पताल का समय सुबह आठ बजे से दो बजे तक का है।

अन्य दिनों में डॉक्टर 9.30 या 10 से पहले ओपीडी में नही बैठते जबकि बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दिन तो कई डॉक्टर बेख़ौफ़ अंदाज में बैठे ही नहीं। उनके चैम्बर खाली मिले। जिला महिला चिकित्सालय में लगभग 9 बजे तक अधिकतर डॉक्टरों के चैम्बर खाली रहे। चैम्बर नम्बर दो, तीन, चार, पांच सात खाली रहे या बन्द रहे। बच्चों के टीकाकरण का चैम्बर खाली मिला जबकि दवा देने वाला काउंटर बन्द मिला।

जिले में मंत्री के दौरे के दिन भी भटकते रहे मरीज, चैम्बर में नहीं बैठे डॉक्टर

वहीं डॉक्टरों के चैम्बर के बाहर आधा सैकड़ा महिलाएं उनका इंतजार करती नज़र आईं। ऐसा ही हाल कुछ पुरुष अस्पताल का रहा, जहां एक, तीन, चार, बारह व चौदह में डॉक्टर नहीं बैठे मिले, उनके चैम्बर भी खाली मिले हालांकि पुरुष अस्पताल में सीएमएस स्वयं भ्रमण व निरीक्षण करते हुए नज़र आये, इसीलिए कई चैंबरों में डॉक्टर सुबह समय से ही मरीजों को देखते हुए मिले। महिला अस्पताल में दूसरी मंजिल पर जांच काउंटर के बाहर कूड़ा इकट्ठा करके लगा दिया गया था। उसे फेंकने की भी जहमत नहीं उठाई गई जबकि सैकड़ो की संख्या में मरीज व तीमारदार उसी कूड़े के बगल में पड़ी बेंच में बैठे नज़र आये।

जवाबदेही से भागे सीएमओ, कहा मेरे अंडर में नहीं है जिला अस्पताल

भास्कर टीम की पड़ताल में मरीज लाइन लगाए जमीन में बैठे डॉक्टरों का इंतजार करते नजऱ आये जबकि डॉक्टर लगभग नौ बजे तक एक घण्टा विलम्ब होने के बावजूद चैम्बर नहीं पहुंचे। बता दें कि 8 बजे से ओपीडी के लिए जिला अस्पताल में पर्चे बनने शुरू हो जाते हैं लेकिन डॉक्टरों के न बैठने की वजह से मरीज भटकता रहता है बाद में परेशान होकर दलालो का शिकार हो जाता है। दलाल भोले भाले गांव के मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य के नाम पर किसी झोलाछाप के यहां फंसा देता है और उससे हजारो, लाखों रुपये ऐंठ लिए जाते हैं कई बार तो मरीज की जान चली जाती है।

एक तरह सरकार के सख्त निर्देश हैं कि डॉक्टर समय से ड्यूटी पर पहुंचे और ओपीडी में बैठे ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े मगर उन निर्देशो को ताक पर रखकर अधिकतर डॉक्टर सरकारी अस्पताल में ड्यूटी न करके प्राइवेट झोलाछापो के यहां ब्यक्तिगत जेब गर्म करके ड्यूटी देते हैं। सिर्फ फतेहपुर शहर क्षेत्र में एक सैकड़ा से अधिक फर्जी नर्सिंग होम, क्लीनिक हैं जिनमें रोज दर्जनों को एनेस्थीसिया देकर ऑपरेशन किया जाता है। शहर में प्राइवेट सर्जन न होने की वजह से सभी झोलाछाप मौत की दुकाने सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ही चलवाते हैं ! शायद यही वजह है कि डॉक्टर जिला चिकित्सालय में समय से अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचते।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस बाबत सीएमओ सुनील भारतीय ने हाथ खड़े करते हुए कहा कि जिला पुरुष व महिला चिकित्सालय अब मेडिकल कालेज के अंडर में है वहां कार्रवाई प्राचार्य ही कर सकते हैं। पूछने पर कि जनपद के स्वास्थ्य के मुखिया तो आप हैं तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ लिया। इस बाबत जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस रेखा रानी ने कहा कि मैने फ़ोटो देखी हैं जिन डॉक्टर की ड्यूटी ओपीडी में थी वह ओटी में थी फिर भी सभी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। वहीं जिला पुरुष चिकित्सालय के सीएमएस का सरकारी नम्बर न उठने से उनसे बात नहीं हो पाई।

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