फतेहपुर : बिना अनुमति के बंटे वोट मांगने के हजारों पर्चे, बैठी जांच

दैनिक भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । यूपी मेंं रविवार को निकाय चुनाव का ऐलान हो गया था। चुनाव की दो चरणों, 4 और 11 मई को वोटिंग होगी। प्रदेश मे चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आचार संहिता लग चुकी है। ऐसे में कोई भी प्रत्याशी बिना अनुमति के प्रचार नहीं कर सकता और न ही कोई प्रचार सामग्री बांट सकता। मंगलवार को निवर्तमान अध्यक्ष नज़ाकत खातून के नाम से छपे हजारों पर्चे शहर में व पूरी कचहरी में अधिवक्ताओं को बांटे गए जिसमे अध्यक्ष के नाम से अपील की गई थी कि उनके पुत्र रज़ा मोहम्मद को भाजपा व सत्ता के नेताओ द्वारा फंसाया जा रहा है जबकि उनका पुत्र शहर के विकास कराने में उनका सहयोग करता रहा है उनका कहना है कि उनके पुत्र को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए उस पर गुंडा ऐक्ट लगाया जा रहा है। जबकि सरकारी रिकार्ड के अनुसार रज़ा मोहम्मद कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है वह पूर्व में भी गैंगेस्टर रह चुका है और उसका लंबा आपराधिक इतिहास है।

चुनाव में प्रत्याशी है तो कैसे लगे हैं चौराहों व पार्कों में प्रचार बोर्ड

दोबारा 2021 में उस पर गैंगेस्टर लगाया गया था जिसके बाद उसकी संपत्ति भी कुर्क की गई थी। अभी हाल ही में उसे एडीएम कोर्ट से गुंडा ऐक्ट की नोटिस जारी हुई है जिसमे वह जमानत पर है जिसकी अगली तारीख 18 अप्रैल लगी है। ऐसे में सवाल उठता है कि चुनाव आयोग और उससे जुड़े अधिकारी कहां हैं शहर में हजारों पर्चे बंट रहे हैं, कलेक्ट्रेट परिसर में निवर्तमान अध्यक्ष व उनके पुत्र रज़ा मोहम्मद को वोट देने की अपील के पर्चे बंटे जिसकी कोई अनुमति नहीं ली गई। वहीं आपको बता दें कि निवर्तमान अध्यक्ष नज़ाकत खातून ने पद का दुरुपयोग करके शहर के कई चौराहों, पार्कों, शिलान्यास बोर्डों में अपने नाम के साथ अपने गैंगेस्टर पुत्र हाजी रज़ा का भी नाम लिखवाया है जिसकी जांच भी प्रशासनिक टीम ने की थी मगर अभी भी शहर के दर्जनों शिलान्यास बोर्डों में सरकारी खर्चे से गैंगेस्टर हाजी रज़ा मोहम्मद का नाम लिखा हुआ है

जो चुनाव आयोग से सम्बंधित अधिकारियों को भी अभी नज़र नहीं आया जबकि रज़ा मोहम्मद चेयरमैन पद के दावेदार हैं। ऐसे में आचार संहिता का मज़ाक बनकर रह गया है जब चौराहो और पार्कों पर एक प्रत्याशी के प्रचार के बोर्ड लगे हैं। इस बाबत एसडीएम सदर अवधेश निगम ने बताया कि निवर्तमान अध्यक्ष नज़ाक़त खातून के द्वारा प्रचार सामग्री बंटवाने की कोई अनुमति नहीं ली गई है पूरे मामले की जांच कर आचार संहिता के उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी।

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