
भास्कर ब्यूरो
चौडगरा/फतेहपुर । एक तरफ जहां सरकार ग्राम सभा, खलिहान, तालाब सहित अन्य सरकारी जमीनों को चिन्हित कर खाली करवाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है वहीं धरातल पर कुछ राजस्वकर्मियों की हीला हवाली के चलते सरकार की मंशा पर पलीता लग रहा है। ऐसा ही एक मामला विकासखंड मलवां के गौसपुर गांव का प्रकाश में आया है जहां पर खलिहान की जमीन को मुक्त कराने के लिए स्वर्गवासी लालूराम पुत्र ज्वाला प्रसाद ने उच्चतम न्यायालय तक लड़ाई लड़ते-लड़ते अपनी जिंदगी खफा दी। अब उनकी आखिरी इच्छा को मूर्तिरूप देने में उनका पुत्र राधेश्याम पुत्र स्व लालू राम जद्दोजहद कर रहा है।
सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे राजस्व कर्मी
स्वर्गवासी लालू राम के पुत्र राधेश्याम बताते हैं कि पूर्व में पिताजी ने खलिहान का मुकदमा हाई कोर्ट तक लड़ा था। जिस पर उनको सफलता मिली थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर लोगों के पट्टे खारिज हुए परंतु कुछ दिन के उपरांत गांव के ही जगरूप सिंह, सूरजभान, रघुवीर, स्वयंबर सहित तमाम लोगों ने खलिहान की जमीन पर पुनः कब्जा कर लिया। जिस पर जमीन को मुक्त कराने के लिए एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया। एसडीएम कोर्ट से खलिहान के खाली होने का आदेश भी जारी हुआ।
तत्कालीन लेखपाल अंशुमान सिंह ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए काम करना शुरू ही किया ही था कि उनका स्थानांतरण हो गया। लेखपाल के चले जाने के बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया, और खलिहान की जमीन में कब्जे ज्यों के त्यों बने हुए हैं।