फतेहपुर : थरियांव थाने के सामने महिला से 25 हजार की टप्पेबाजी

दैनिक भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । थरियांव थाना क्षेत्र के पावर हाउस के समीप रहने वाली रेखा देवी अपनी बहन के इलाज के लिए पैसा निकालने कस्बे में थाने के करीब स्थित बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक थरियाँव गई थी जिसे टप्पेबाजो ने अपना शिकार बना लिया। थरियांव थाना क्षेत्र के पावर हाउस मोहल्ला की रहने वाली रेखा तीन बहने हैं पिता राजगीर मिस्त्री हैं। तीन बहनों में रेखा देवी अपने पिता के साथ रहकर गुजर बसर कर रही है उनकी एक बहन शारदा देवी रायबरेली में ब्याही है जो गंभीर रूप से बीमार है और फतेहपुर के आभा नर्सिंग होम में भर्ती है।

उसके ईलाज कराने की पैसे की व्यवस्था के लिए रेखा देवी अपने पुत्र रोहित के साथ पैसा निकालने ग्रामीण बैंक ऑफ बड़ौदा गई थी। दोपहर लगभग बारह बजे शाखा से पैसा लेकर बाहर आते समय रेखा और उसके पुत्र रोहित के इर्द-गिर्द दो टप्पेबाज सीसीटीवी फुटेज में नज़र आये जो मां और बेटा को बरगला कर 80 हजार के कागज के टुकड़े रुमाल में पकड़ाकर 25 हजार की नकदी लेकर फरार हो गए। जैसे ही रेखा देवी ने देखा कि रुमाल में 80 हजार के नोट नहीं कागज के टुकड़े बंधे हैं तो उनके होश उड़ गए।

टप्पेबाजी की घटना से बैंक में मौजूद कर्मियों व ग्राहकों में हड़कंप मच गया जिसकी सूचना पुलिस को लगते ही वह घटनास्थल पर पहुंची। थरियाँव कस्बे में हाईवे के दोनों तरफ लगे सीसीटीवी कैमरे में टप्पेबाजों की तस्वीर कैद हो गई। फुटेज के आधार पर पुलिस लुटेरों की तलाश में जुट गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि थाना गेट के सामने इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन पुलिस सोती रही।आए दिन टप्पेबाजी का शिकार हो रहे लोग पुलिसिंग पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। मामले पर थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है।जांच कर कार्रवाई की जा रही है।

टप्पेबाजी से शारदा देवी के इलाज में संकट

पिता घसीटे ने बताया कि दूसरी बेटी शारदा देवी की तबियत बहुत खराब है जिसे आभा नर्सिंग होम फतेहपुर में भर्ती करके इलाज चल रहा है इलाज में लगने वाले रुपये को लेने के लिए बेटी को बैंक भेजा था। ऐसी घटना होने के बाद अब बेटी का इलाज कैसे संभव हो पाएगा। कब लुटेरों को पकड़ा जाएगा और कब रुपया मिलेगा। ऐसी स्थिति में अब बेटी का इलाज कैसे होगा लगता है जेवर गिरवी रखकर ही बेटी का इलाज कराना संभव होगा।

क्या बैंक में लगे सुरक्षा कर्मी महज दिखावे के लिए

ग्रामीण बैंक ऑफ बड़ौदा में दो महिला पीआरडी जवानों को प्रतिदिन तैनात किया जाता है और भारतीय स्टेट बैंक में होमगार्ड के जवान तैनात किए जाते हैं। प्रतिदिन होने वाली बैंकों की क्रास चेकिंग मात्र पुलिस के फाइलों में देखी जा रही है। अगर सही तरीके से देखा जाय तो बैंक के बाहर पीआरडी जवानों के सामने ही महिला टप्पे बाजी का शिकार हो गई।

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