वित मंत्री ने मनरेगा के लिए अतिरिक्‍त 40 हजार करोड़ रुपये, हेल्‍थ और इंफ्रा पर खर्च का किया ऐलान

नई दिल्‍ली । वित्‍त मंत्री निर्मला ने सीतारमण आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के 5वीं किस्‍त में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए अहम ऐलान किया। वित्त मंत्री ने मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के ज्‍यादा अवसर मुहैया कराने में मदद मिलेगी। बता दें कि आम बजट में सरकार ने मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था।

सीतारमण ने यहां प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के अंतगर्त यह आर्थिक पैकेज की आखिरी किस्‍त है। वित मंत्री ने इस पैकेज के तहत मनरेगा, हेल्‍थ, शिक्षा, कारोबार, कंपनीज एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और पीएसयू से जुड़े क्षेत्र पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने इन 7 अहम ऐलान के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य की सुविधा के साथ शिक्षा सुविधा, कोविड-19 से प्रभावित होने वाले कारोबार, कंपनीज एक्ट में सुधार, बिजनेस और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज में रिफॉर्म का ऐलान भी किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्‍त राज्‍य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते अधिकांश प्रवासी मजदूर अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। ऐसे में गांवों में उनके लिए रोजगार के अवसर को मुहैया कराया जा सके। इसके लिए सरकार ने मनरेगा के तहत अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया है, जिससे 300 करोड़ मानव दिवस काम के अवसर पैदा किए जा सकेंगे।

वित्त मंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कही गई बात से की। सीतारमण ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी, लॉ जैसी चीजों बल दिया गया है, जैसा कि प्रधानमंत्री ने पहले कहा था। उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में हमने प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल करके प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए जनधन खातों, किसानों को सम्‍मान निधि देने का काम इस देशव्‍यापी लॉकडाउन में किया है।
20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के 5वीं किस्‍त की मुख्‍य बातें:-

  • वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों के सामने राजस्व की कमी की बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि केंद्र लगातार राज्य सरकारों की मदद कर रही है, जिससे कि वे करोना-19 लड़ाई लड़ सकें। उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में राज्‍यों को केंद्र ने 46038 करोड़ रुपये दिए। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को करोना से लड़ने के लिए 4113 करोड़ रुपये दिए।
  • सीतारमण ने बताया कि 12390 करोड़ रुपये के राजस्व घाटा ग्रांट भी समय पर राज्यों को दिए गए। स्टेट डिजास्टर रिलीज फंड के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में 11092 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए। उन्होंने बताया कि सरकार ने राज्यों को जीडीपी के पांच फीसदी के बराबर कर्ज उठाने की मंजूरी दी है।
  • वित मंत्री ने कहा कि नए-आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी। इस पॉलिसी के तहत सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। इसके लिए सरकार एक नई नीति लाएगी। इसके तहत कुछ सेक्टर्स को स्ट्रेटिजक सेक्टर के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। अधिसूचित स्ट्रैटिजिक सेक्टर में कम-से-कम एक पब्लिक सेक्टर कंपनियां रहेंगी लेकिन निजी क्षेत्रों को भी इस सेक्टर में शामिल किया जाएगा। वहीं, अन्य सेक्टर्स में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में उचित समय को देखते हुए फैसला किया जाएगा।
  • सीतारमण ने कहा स्ट्रैटिजिक सेक्टर में 4 से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियां नहीं होंगी। 4 से अधिक पब्लिक सेक्टर अगर किसी स्ट्रैटिजिक सेक्टर में हैं तो उनका विलय किया जाएगा।
  • वित्त मंत्री ने बताया कि छोटे तकनीकी प्रक्रियात्मक चूक को अपराध से बाहर किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यौगिक जुर्म में 18 सेक्शन से बढ़ाकर 58 सेक्शन कर दिए गए है, जिससे कंपनी की हरासमेंट कम होगी और इससे अदालतों पर बोझ कम होगा तथा कंपनियों कि उत्पादकता बढ़ेगी।
  • सीतारामण ने कहा कि निजी कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता को बढ़ावा दी जाएगी। अब देश की कंपनियां अपने प्रतिभूतियों को मंजूरी वाले विदेशी बाजारों में सीधे लिस्ट कर पाएंगी।
  • उन्‍होंने आईबीसी से जुड़े मामलों को लेकर अहम घोषणा की। निर्मला सीतारमण ने दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए थ्रेसहोल्ड को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने का ऐलान किया।
  • वित्‍त मंत्री ने बताया कि कोरोना-19 की वजह से बकाया कर्ज को भी डिफॉल्‍ट में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा अगले एक साल तक कोई भी नई इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। वहीं, एमएसएमई के लिए केंद्र सरकार विशेष दिवालिया समाधान ढांचा को जल्द ही अधिसूचित करेगी।
  • सीतारमण ने कहा कि तकनीकी आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। पीएम ई विद्या प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी। ये ऑनलाइन एजुकेशन के लिए होगा। वन नेशन वन डिजिटल प्रोग्राम आएगा, जिसमें कक्षा-1 से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए के लिए एक अलग-अलग चैनल लॉन्च होगा। वहीं, कम्युनिटी रेडियो का भी सदुपयोग किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि तीन चैनल पहले से स्कूली शिक्षा के लिए थे। अब 12 और चैनल इस लिस्ट में जोड़े गए हैं।
  • वित्‍त मंत्री ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल ई-कंटेंट आएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि टॉप 100 विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन ऑटोमैटिक कोर्सों की शुरुआत की जाएगी। वहीं, मानसिक सहायता के लिए मनो दर्पण प्रोग्राम भी आएगा।
  • इसके साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च में बढ़ोत्तरी की भी घोषणा की गई है। ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर्स की संख्या बढ़ाने का ऐलान सीतारामण ने किया। देश में जिला स्तर के सभी अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों के लिए अलग से ब्लॉक बनाने के साथ-साथ लैब नेटवर्क को बेहतर बनाने का भी ऐलान किया गया। महामारी से मुकाबले के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर एकीकृत स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।
  • मनरेगा के लिए बजट आवंटन में 40 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी का ऐलान किया गया। इससे अपने गांवों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पर ही अधिक काम मिलेगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
  • वित्त मंत्री ने बताया कि हेल्थ वर्कर्स के लिए 50 लाख के बीमा की व्यवस्था की गई है। उन्हें सुरक्षा देने के लिए महामारी एक्ट में बदलाव किया है। उन्होंने बताया कि करोना काल में शिक्षा के लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा हैं। एयर एजुकेशनल वीडियो कंटेंट बढ़ा है।
  • उन्होंने बताया कि 300 से अधिक घरेलू निर्माता अभी पीपीई के है, जबकि करोना वायरस से पहले एक भी घरेलू निर्माता नहीं था। उन्होंने बताया कि अब तीन लाख से अधिक पीपीई देश में बनाई जा रही है।
  • कोविड-19 को लेकर लागू लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा को लेकर भी कई तरह के उपाय के बारे में भी वित मंत्री ने ऐलान किया। उन्‍होंने बताया कि सरकार ने स्वयं प्रभा डीटीएच चैनलों के जरिए ऐसे विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई को जारी रखने में मदद की है, जिनके पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 के लिए 15,000 करोड़ रुपये की घोषणा की थी। इसमें से 4,113 करोड़ रुपये राज्यों को रिलीज किए जा चुके हैं। वहीं, आवश्यक वस्तुओं के लिए 3,750 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। टेस्टिंग लैब्स और किट्स के लिए 550 करोड़ रुपये का प्रावधान भी सरकार कर चुकी है।
  • सीतारमण ने बताया कि संकट में अवसर देखने का काम भी केंद्र सरकार कर रही है। उसकी रूपरेखा आत्मनिर्भर भारत पैकेज में रखी गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न सरकार ने दिया है।
  • डीबीटी के जरिए उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को फायदा पहुंचाया गया है। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए 35 करोड़ खाद्यान्न के लिए अलग से खर्च किए गए हैं। वहीं, 86000 करोड़ के लोन किसानों को दिए गए हैं।
  • वित्त मंत्री ने बताया कि 12 लाख ईपीएफओ मेंबर्स ने ऑनलाइन निकासी की सुविधा का लाभ उठाया है। वहीं, 2.02 निर्माण से जुड़े मजदूरों को सीधी मदद पहुंचाई गई है। उन्‍होंने बताया कि पीएम गरीब कल्याण योजना माध्‍यम से भी तकनीक के इस्तेमाल से सीधे जरूरतमंद लोगों के खातों में मदद पहुंचाई गई।
  • सीतारमण ने कहा कि सरकार ने 8.19 करोड़ किसानों के खातों में 2000 रुपये पहुंचाए हैं। उन्होंने कहा कि 20 करोड़ जनधन खातों में सीधी मदद पहुंचाई गई।
  • पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 20 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के अकाउंट में सीधी मदद भेजी गई। साथ ही निर्माण से जुड़े श्रमिकों के अकाउंट में भी सरकार ने पैसे डाले।

दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले चार दिनों के दौरान एमएसएमई, मजदूरों, ठेकेदारों, संविदा कर्मचारियों, मजदूर वर्ग, व्यापक उद्योग, प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त खाद्यान्न, किसानों को रियायती कर्ज, कोयला और मिनरल खनन क्षेत्र के निजीकरण और रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाने के अलावा एग्रीकल्चर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, माइक्रो फूड एंटरप्राइज, मछली पालन, पशुओं के टीकाकरण के साथ औषधीय पौधों, मधुमक्खी पालन जैसे कई सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज दे चुकी हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को आत्‍मनिर्भर भारत अभि‍यान के तहत आ‍र्थिक पैकेज देने का ऐलान किया था, जिसमें मार्च में दिए गए 1.70 लाख करोड़ के पैकेज और आरबीआई की घोषणाओं को मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज दिए जाने है। इसी के तहत वित मंत्री पिछले पांच दिनों से पैकेज का ऐलान कर रही हैं। सरकार आमलोगों और अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के असर से बचाने के लिए ये राहत दी जा रही है। इसमें से अब तक लगभग 18 लाख 66 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान पहले ही हो चुका है।

उल्‍लेखनीय है कि कोविड-19 की महामारी और देश और दुनिया में लागू लॉकडाउन के बीच जापान और अमेरिका के बाद स्वीडन ने जीडीपी का 12 फीसदी, जर्मनी ने 10.7 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान कर चुका है। वहीं, भारत ने अपने जीडीपी का 10 फीसदी के बराबर आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। इसके बाद दुनिया के अन्‍य देश फ्रांस ने 9.3 फीसदी, स्‍पेन ने 7.3 फीसदी, इटली 5.7 फीसदी, ब्रिटेन 5 फीसदी, चीन 3.8 फीसदी, और दक्षिण कोरिया ने 2.2 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है।

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