उत्तर प्रदेश में देवरिया कांड के बाद प्रदेश भर के सभी सरकारी और एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे शेल्टर होम में छापेमारी अभियान शुरू है. कई जिलों में छापेमारी के दौरान शेल्टर होम के नाम पर चल रहे गोरखधंधे की पोल खुलती नजर आ रही है. हरदोई, पीलीभीत के बाद अब प्रतापगढ़ में महिलाओं के गायब होने की बात सामने आई है. जिले के दो शेल्टर होम से 26 महिलाओं के गायब होने से हड़कंप मचा हुआ है.
लेकिन प्रशासन अपनी शुरुआती जांच में गायब महिलाओं को लेकर ही संशय खड़ा कर रहा है. उसका कहना है कि इन जिलों में शुरुआती जांच में पता चला है कि शेल्टर होम महिलाओं की संख्या को लेकर खेल कर रहे हैं. रजिस्टर में ज्यादा संख्या दिखाकर सरकारी अनुदान में ज्यादा दावेदारी की मिलीभगत की कोशिश हो सकती है.
पूरा मामला वित्तीय अनियमितता से जुड़ा लग रहा है: डीएम
प्रतापगढ़ के डीएम शंभू कुमार कहते हैं कि गायब महिलाओं के बारे में तफ्तीश जारी है. उनके डॉक्यूमेंट भी चेक किये जा रहे है. साथ ही उन्होंने ये भी आशंका जताई कि ये पूरा मामला वित्तीय अनियमितता से जुड़ा लग रहा है. हो सकता है एनजीओ ने ज्यादा लाभ लेने के लिए फर्जी महिलाओं के नाम पंजीकृत किए हों. जिसके चलते आश्रय महिला गृह में महिलाएं नहीं मिलीं. आशंका है कि एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आए. बहरहाल, सभी पहलुओं की जांच जारी है.
Pratapgarh: District Magistrate Shambhu Kumar paid surprise visit to two women shelter homes in area, found most women missing. Kumar says 'We asked management about the women not present,they said in the afternoon women go out for work. We will visit in night as well to verify' pic.twitter.com/tKE7ueXgbR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 9, 2018
उधर हरदोई के बेनीगंज कस्बे में चल रहे स्वाधार गृह से गायब 19 महिलाओं के मामले में इसी तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. मामले में पुलिस ने अधीक्षिक आरती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं फरार संचालक मोहम्मद रजी की तलाश जारी है. दरअसल शेल्टर होम के रजिस्टर में 21 महिलाओं के नाम और पते दर्ज थे. लेकिन मौके पर प्रशासन को सिर्फ दो महिलाएं मिलीं. जांच के दौरान पता चला कि ज्यादा अनुदान पाने के लिए 19 नाम फर्जी तरीके से रजिस्टर में जोड़ दिए गए थे.
Hardoi: Shelter home where only 2 out registered 21 women were found during an inspection on June 7 was sealed and manager Arti Agarwal was arrested yesterday. It was found that fake names were registered in the shelter home to gain donations from the administration. pic.twitter.com/FiC2pFnYUT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 8, 2018
पीलीभीत में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है. यहां शहर के शेल्टर होम में रजिस्टर में तो 30 महिलाओं के नाम दर्ज थे, लेकिन मौके पर 7 ही मिलीं. पूछताछ में केंद्र संचालिका ने बताया कि महिलाओं को रोज मिलने वाले 50 रुपए के लिए संख्या का खेल किया गया. मामले में डीएम ने केंद्र चलाने वाली जन कल्याण शिक्षा समिति की संचालिका नीलम वर्मा से जवाब तलब कर लिया है.