रेउसा-सीतापुर। अन्नदाताओं की आंखों के सामने उनके खून पसीने से पैदा की गई फसल खेत सहित नदियों की जलधारा में कटते रहे और वह बेबसी के आंसू बहाते रहे। 72 घंटों में बनवसा, शारदा व गिरजा से दस लाख क्यूसिक पानी छोड़ा जा चुका है। शारदा व घाघरा ने बीते तीन दिनों में सैकड़ों बीघा फसल और खेतों का आस्तित्व ही मिटा दिया है। घाघरा-शारदा उफनाने लगी है। पानी भी अब गांवों की ओर बढ़ चला है।
बताते चलें कि बीते एक सप्ताह से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि पहले पानी कम छोड़ा जा रहा था मगर जिस तरह से बीते तीन दिनो से पानी छोड़ा जा रहा है उससे जिले के बाढ़ प्रभावित इलाका गांजर क्षेत्र में भय फैलने लगा है। लोग दहशत में है। ग्रामीण हर रोज नदी के किनारे जाकर बैठते है और डंडों के माध्यम से पानी की मात्रा नापते है।
जिससे वह जान जाते हैं कि पानी बढ़ रहा है। पानी के लगातार छोड़े जाने से शारदा, घाघरा तथा किवानी आदि नदियां उफनाने लगी है। अब तो आलम यह है कि नदिया हर रोज फसल समेत खेतों का कटान करने लगी है। लगातार हो रहे कटान से अब तक सैक्ड़ों बीघा फसल समेत खेत कट चुके है।
ग्रामीणों की आंखों के सामने खेत के खेत कट कर नदियां बहाने लगी है। ग्रामीणों में खौफ देखा जा रहा है। बहुत से परिवार तो अभी से ही पलायन करने लगे है। बताया जा रहा है कि छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी से जहां नदियां उफना गई है वहीं पानी गांवों की ओर बढ़ने लगा है। जिससे गांव के निवासियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई पड़ने लगी है।
शनिवार सहित बीते तीन दिनों में दस लाख क्यूसेक पानी अब तक छोड़ा जा चुका है। घाघरा व शारदा नदियों मे बैराजो से लगातार छोड़े जा रहे पानी से गांजर क्षेत्र की नदियाँ उफान पर आ गई है। शनिवार को घाघरा व शारदा नदियाँ के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। साथ साथ कटान तेज गति से चल रहा है। घाघरा नदी के कटान मे 49 बीघा कृषि योग्य भूमि का अस्तित्व कटकर समाप्त हो गया है।
गौलोक कोडर के कोनी गाँव में घाघरा नदी ने 40 बीघा कृषि योग्य भूमि पर लगी गन्ना व धान की फसलो सहित जमीन को काट कर समाप्त कर दिया है। प्रमोद, माया प्रकाश, राम प्रताप, सदानंद, जागेश्वर, लाल जी, जगत पाल, भाई लाल, जवाहिर, सिपाही लाल, सतगुरु, विशेश्वर, सुरेश आदि के खेतो घाघरा नदी मे समाहित हो गए। बजहा गाँव के मजरा गौढी मे शारदा नदी के कटान मे 9 बीघा खेत कटकर समा गए। खेलवान, मिश्री, रामेश्वर आदि के खेतो मे गन्ना व धान की फसलो सहित कटकर समाप्त हो गए।
किस बैराज से कितना छोड़ा गया पानी
एडीएम विनय पाठक ने बताया कि 28 जुलाई की जो रिपोर्ट प्रशासन को मिली है उसके मुताबिक बनबसा बैराज से 79146 क्यूसेक, शारदा बैराज से 135034 क्यूसेक पानी तथा गिरजा बैराज से 117776 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे पूर्व 27 जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक बनबसा बैराज द्वारा 99740 क्यूसेक, शारदा बैराज द्वारा 84285 क्यूसेक पानी तथा गिरजा बैराज द्वारा 128600 क्यूसेक पानी छोडा गया था।
लगातार गिर रहा पानी भी बना आफत
बीते दो दिनों से लगातार पानी गिरने से भी बाढ़ प्रभावित इलाके के रहने वाले गांजरवासियों के चेहरे पर चिंता झलकने लगी है। एक तो छोड़ा गया पानी पहले से ही परेशानी का सबब बना हुआ था दूसरे आसमानी आफत ने दोहरी मार शुरू कर दी है। बाढ़ के पानी से जितना खतरा बना हुआ है उसासे अधिक बरसात के पानी से खतरा पैदा हो गया है। क्योंकि गिरने वाले पानी से मकान धंसने और धराशाही होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।