
मानव व वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए गावो मे गठित की जाएंगी कमेटियां
मोतीपुर/बहराइच l बाघो के संरक्षण के लिए वन रेंज चकिया में ट्रेनी आई एफ एस अधिकारी चिंतन डूबरिया ने अपने अधिकारियों के साथ की बैठक।
डोबरिया ने बताया कि बाघ जो कि भारत का राष्ट्रीय पशु है उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए दिसंबर माह को प्रदेश के वन विभाग द्वारा बाघ माह मनाया जा रहा है।
दिसंबर माह में गन्ने कि कटाई का समय होता है। इससे गन्ने मे से बाघ और तेंदुए का लोगो पर हमला करने कि संभावना बढ़ जाती है। इससे लोगो को जागरूक करना जरूरी है कि गन्ने की कटाई के समय क्या करे और क्या ना करे जिससे जानवरो एवम लोगो को किसी प्रकार की कोई नुकसान न हो। इसके लिए वन विभाग के गांवो में पोस्टर बाटेंगे और पोस्टर लगवाएंगे। इसके अतरिक्त संवेदनशील गावों के प्रधान और लोगो से गोष्ठी का आयोजन करेंगे। बाघ और तेंदुए को पकड़ने के पिंजड़े कि ऑयलिंग करेंगे और सुरक्षा उपकरणों को तैयार करेंगे। अपने कार्यक्षेत्र मे मॉक ड्रिल का आयोजन करेंगे जिससे लोग जागरूक हो सके। दिसंबर माह बाघ के प्रजनन का समय होता है। बाघ जो कि आईयूसीएन के रेड लिस्ट के मुताबिक खतरे में रहा हुआ पशु है। वन विभाग प्रयत्न करेगा की बाघ के ऊपर सामान्य जानकारी को जन सामान्य तक पहुंचाए। 2018 बाघ आकलन के अनुसार 2967 बाघ भारत के वनों में है। भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि दुनिया में सबसे ज्यादा वनो में बाघ भारत में है। इसी काम को आगे बढ़ाते हुए बाघ माह मनाया जाएगा। बैठक के दौरान ट्रेनी आईएफएस अधिकारी चिंतन डोबरिया,चकिया वन क्षेत्राधिकारी रामबिलास सिहं यादव, वन दरोगा प्रदीप कुमार, वन दरोगा अविनाश तिवारी, राजेन्द्र प्रसाद सहित चकिया वन रेन्ज के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे l