
मान्यता लेने के लिए कूट रचना मामले में पुलिस ने संदूक में रखकर 1888 पन्नों की चार्जशीट न्यायालय में की पेश
भास्कर समाचार सेवा
रामपुर। शहर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान ने रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूलों की चेन बनाई है। इन स्कूलों की मान्यता लेने के लिए कूट रचना कर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। यह मामला रामपुर की कोर्ट में विचाराधीन है। सोमवार को इस मामले में थाना सदर पुलिस ने 1888 पन्नों की चार्ज शीट न्यायालय में पेश की। पुलिस ने यह चार्जशीट बेहद अहम बताते हुए कड़ी सुरक्षा में पेश की। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने आरोप पत्र की पत्रावली एक संदूक में रखकर ताला लगाकर न्यायालय में पेश की।
रामपुर में आजम खान ने रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम से इसकी चेन बनाई है। दो स्कूल संचालित हैं जबकि यतीमखाने की जमीन पर बने रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण अधूरा है। सपा शासनकाल के दौरान साल 2016 में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से रामपुर पब्लिक स्कूल को मान्यता दी गई थी। आरोप है कि मान्यता प्राप्त करने कूट रचना का फर्जीवाड़ा किया गया। मान्यता की फाइल में अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र दूसरे स्कूल का लगाया गया। इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने रामपुर बेसिक शिक्षा विभाग के बाबू तौफीक अहमद को निलंबित कर बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मान्यता देने के मामले में पुलिस ने बेसिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन बाबू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आज़म खान के साथ ही उनकी पत्नी डाॅ तजीन फातिमा और बाबू तौफीक अहमद को आरोपी बनाया गया था। थाना सदर के स्टेशन ऑफिसर गजेंद्र त्यागी ने बताया कि मामला एमपी-एमएलए कोर्ट सेशन ट्रायल में विचाराधीन है। आज इस मामले में पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में कड़ी सुरक्षा के साथ दाखिल कर दिए। आरोप पत्र में फर्जी मान्यता से संबंधित पत्रावलियां हैं। न्यायालय ने इसका अवलोकन कर सुनवाई की 6 अगस्त तारीख मुकर्रर की है। अगली तारीख पर आजम खान को आरोप पत्र की पत्रावली दिखाई जाएंगी। रामपुर पब्लिक स्कूल जिस जमीन पर बना है वह जमीन ग्रीन बेल्ट में आती है। जिसके बाद रामपुर विकास प्राधिकरण की ओर से भी स्कूल की बिल्डिंग को तोड़ने के आदेश दिए गए थे। जिलाधिकारी ने तीन अधिकारियों की कमेटी बनाकर जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यतीमखाने की जमीन वक्फ बोर्ड ने जौहर ट्रस्ट को निर्माण के लिए दी थी, लेकिन इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया कि निर्माण किस कार्य के लिए होना है।