शहजाद अंसारी
बिजनौर। मई के प्रथम सप्ताह में ही गर्मी अपना कहर दिखाने लगी है जिसका सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर पड़ रहा है छोटे छोटे नौनिहाल भीषण गर्मी में पढ़ने पर मजबूर है यही नही प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी दोपहर की भीषण गर्मी में वैन तथा रिक्शाओं में गर्मी में ही लदकर आते हैं जिससे उन्हें लू लगने का खतरा पैदा हो गया है बच्चे बीमार होने लगे हैं जिसका असर स्कूलो में उपस्थिति पर पड़ने लगा है जबकि एक सप्ताह पूर्व ही जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने नागरिको को लू से बचने की सलाह दी थी अब हालात यह हो गए हैं कि गर्मी में युवाओं के पसीने छूट रहे है। अभिभावकों ने जिलाधिकारी से समय परिवर्तन की मांग की है।
जनपद में अप्रैल से ही मई जून जैसी गर्मी पड़ने लगी जिसने मई के प्रथम सप्ताह में तो विकराल रूप धारण कर लिया है जनपद के ग्रामीण क्षेत्रो के प्राथमिक विद्यालयों व नगर क्षेत्र के छात्र भीषण गर्मी में पढ़ने से बीमार होने लगे है और उनकी उपस्थिति में भी काफी कमी आई है क्योंकि दोपहर 1 बजे छुट्टी का समय होते होते उनका हाल बेहाल हो जाता है जिसके लिए शिक्षकों को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है बढ़ रही गर्मी के कारण नए प्रवेश भी नहीं हो पा रहे और पुराने बच्चे भी स्कूलो में नहीं आ पा रहे। कई स्कूलों के बच्चे खुले में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं नगीना के प्राथमिक
विद्यालय सराय मीर में छत तक न होने के कारण बच्चे तपतपाती गर्मी में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली के कट के कारण पंखे नहीं चल पाते वहीं प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी वैन और रिक्शाओं में लदकर दोपहर की गर्मी में आते हैं जिससे धूप में उनका हाल बेहाल हो जाता है अन्य जनपदों में भीषण गर्मी व लू के मद्देनजर समय परिवर्तन किया जा चुका है।
अभिभावकों ने जिलाधिकारी सुजीत कुमार से समय परिवर्तन की मांग की है जिससे छोटे छोटे स्कूली बच्चों को भीषण गर्मी से निजात मिल सके। इस सम्बंध में हमारे संवाददाता शहजाद अंसारी को जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि अन्य जनपदों की तरह बिजनौर में भी समय परिवर्तन किया जाएगा इस बारे में बीएसए को निर्देशित कर दिया गया है।