
भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली,अमेरिका की प्रमुख इन्वेस्टमेंट कंपनी फॉक्सहॉग (Foxhog) ने भारत में निवेश के लिए आवेदन करने वाली 450 से अधिक कंपनियों की एप्लीकेशन को अस्वीकार कर दिया है। यह जानकारी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) तरुण पोद्दार ने मंगलवार को नई दिल्ली के प्रतिष्ठित स्टेट्समैन हाउस में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान दी।
तरुण पोद्दार ने कहा कि इन आवेदनों को खारिज करने के पीछे मुख्य कारण कंपनियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में त्रुटियाँ, आवश्यक कागजातों की कमी और ड्यू डिलिजेंस प्रक्रिया के दौरान पाई गई गंभीर खामियाँ रहीं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कदम नियामकीय आवश्यकताओं और कंपनी की पारदर्शी निवेश नीति के तहत लिया गया है।
“भारत में निवेश जारी रहेगा” – अफवाहों का किया खंडन
हाल के दिनों में सोशल मीडिया और कुछ कारोबारी हलकों में यह अफवाह फैल रही थी कि फॉक्सहॉग भारत में अपना निवेश बंद कर रहा है। इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए पोद्दार ने कहा,
“450 एप्लीकेशन्स को रिजेक्ट करना भारत में निवेश को बंद करने का संकेत नहीं है। फॉक्सहॉग भारत को एक प्रमुख निवेश गंतव्य मानता है और हम यहां भविष्य में भी निवेश करते रहेंगे।”
क्लाउड डाटा स्टोरेज (CDS) प्रोजेक्ट पर रोक
CEO पोद्दार ने यह भी बताया कि कुछ महीने पहले भारत में घोषित क्लाउड डाटा स्टोरेज (CDS) परियोजना में निवेश को भी फिलहाल रोक दिया गया है। यह निर्णय भी डॉक्यूमेंटेशन में पाई गई गड़बड़ियों के चलते लिया गया है।
ब्लैकलिस्ट और कानूनी कार्रवाई
फॉक्सहॉग ने उन 450 कंपनियों में से कुछ को ब्लैकलिस्ट कर दिया है और कुछ के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। यह कदम उन कंपनियों के खिलाफ उठाया गया है जिनकी गतिविधियाँ संदिग्ध पाई गईं या जिन्होंने गलत जानकारी प्रस्तुत की।
ट्रंप टैरिफ नीतियों का भी असर
इसके अलावा, कुछ भारतीय कंपनियों को फॉक्सहॉग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई टैरिफ नीतियों के कारण ‘होल्ड’ पर रखा है। यह नीतियाँ खासतौर पर तकनीकी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को प्रभावित कर रही हैं। फॉक्सहॉग इन कंपनियों के मामलों की समीक्षा अमेरिकी व्यापार नीतियों के अनुरूप कर रहा है।
फॉक्सहॉग का भारत में दृष्टिकोण
फॉक्सहॉग पिछले एक दशक से भारत में सक्रिय है और उसने देश के विभिन्न क्षेत्रों – टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, रिटेल और फाइनेंस – में निवेश किया है। कंपनी का मानना है कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इसके साथ ही निवेश की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सही दस्तावेज़ी प्रक्रिया बेहद ज़रूरी है।
“हम भारतीय मार्केट में प्रतिबद्ध हैं, लेकिन निवेश की प्रक्रिया में कोई भी शॉर्टकट या अनियमितता स्वीकार्य नहीं है,” CEO तरुण पोद्दार ने कहा।