सोने से लेकर बॉन्ड तक : 2025 में कहाँ करें निवेश?

विवेक गोयल, संयुक्त प्रबंध निदेशक, टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज

जैसे ही 2024 समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, यह वर्षभर के प्रमुख परिसंपत्ति वर्गों के प्रदर्शन पर विचार करने का सही समय है। शेयर बाजार, ऋण, सोना, रियल एस्टेट, और फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट्स जैसे बॉन्ड्स और म्यूचुअल फंड्स ने विभिन्न रुझान प्रदर्शित किए हैं, जो वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और घरेलू बाजार की गतिशीलता को दर्शाते हैं। निवेशकों के लिए, इन आंदोलनों को समझना आगामी वर्ष में सूचित निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है। आईए टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज के संयुक्त प्रबंध निदेशक विवेक गोयल से जानते हैं कि नव वर्ष 2025 में कहां और किस क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं।


परिसंपत्ति वर्गों में मिश्रित प्रदर्शन का वर्ष


2024 ने परिसंपत्ति वर्गों में मिश्रित प्रदर्शन देखा। इक्विटी और फिक्स्ड डिपॉजिट ने मध्यम वृद्धि दिखाई, जबकि बॉन्ड और सोने ने मजबूत रिटर्न दिया। रियल एस्टेट की वृद्धि धीमी पड़ी, और ऋण उपकरणों ने अस्थिर बाजार में स्थिरता प्रदान की। यहाँ प्रमुख आंकड़ों की झलक दी गई है:
• इक्विटी: 2024 में 9% की वृद्धि, जबकि 2023 में यह 20% थी।
• बॉन्ड: 2024 में 7.5% की वृद्धि, जबकि 2023 में यह 3.7% थी।
• सोना: 2024 में 20% की वृद्धि, जबकि 2023 में 15% थी।
• रियल एस्टेट: 2024 में 4.1% की वृद्धि, जबकि 2023 में यह 5-7% थी।
• फिक्स्ड डिपॉजिट: स्थिर लेकिन सीमित रिटर्न, 6-7% के दायरे में।


परिसंपत्ति वर्गों का विस्तृत विश्लेषण


इक्विटी: अस्थिरता और नियंत्रित अपेक्षाओं का वर्ष


2024 में भारतीय इक्विटी बाजार ने 2023 की तुलना में सुस्त प्रदर्शन किया। 2023 में निफ्टी 50 ने लगभग 20% की वृद्धि दर्ज की, जो आर्थिक पुनरुद्धार और मजबूत कॉर्पोरेट आय से प्रेरित थी। लेकिन 2024 में, निफ्टी 50 केवल 9% बढ़ा। यह कमी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, मुद्रास्फीति, और भू-राजनीतिक तनावों के कारण आई। हालांकि, भारत के बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्र में स्थिर घरेलू विकास ने बाजार को समर्थन दिया। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिला, क्योंकि छोटे और मझोले शेयरों ने बड़े शेयरों से बेहतर प्रदर्शन किया।


बॉन्ड: अस्थिरता के बीच सुरक्षित निवेश


2024 में बॉन्ड ने निवेशकों को स्थिरता प्रदान की। सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) पर यील्ड 6.8%-7% के बीच स्थिर रही। AAA-रेटेड कॉर्पोरेट बॉन्ड ने 7-8% का रिटर्न दिया। 2024 में ऋण फंड्स के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 24% की वृद्धि हुई, जो 2023 के 15% की तुलना में काफी अधिक थी। 2023 में भी बॉन्ड ने स्थिर प्रदर्शन किया था, जिसमें लंबी अवधि के सरकारी बॉन्ड की यील्ड 7-7.2% थी। लेकिन 2024 में, बढ़ती मांग और उच्च यील्ड ने इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बना दिया।


सोना: मुद्रास्फीति और अस्थिरता के खिलाफ बचाव


2024 में सोने ने 26% की असाधारण वृद्धि दर्ज की, जो लगभग ₹80,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। इस वृद्धि का मुख्य कारण वैश्विक मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने की बचाव संपत्ति के रूप में भूमिका थी। हालांकि, उच्च कीमतों के कारण सोने की मांग में गिरावट आई, और भारत की सोने की खपत चार वर्षों में सबसे कम रहने की उम्मीद है।
2023 में भी सोने ने मजबूत प्रदर्शन किया था, जब इसकी कीमतों में 15% की वृद्धि हुई थी। 2024 में यह प्रदर्शन और बेहतर रहा, जिससे निवेशकों को अन्य परिसंपत्ति वर्गों में अस्थिरता से बचने का अवसर मिला।


रियल एस्टेट: धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि


रियल एस्टेट ने 2024 में धीमी वृद्धि दिखाई। ऑल-इंडिया हाउस प्राइस इंडेक्स (HPI) में Q4 2024 में 4.1% की वृद्धि हुई, जो Q4 2023 के 4.6% की तुलना में कम थी। ब्याज दरों में वृद्धि और मुद्रास्फीति के दबाव ने इस क्षेत्र को प्रभावित किया। हालांकि, प्रमुख शहरों में संपत्ति की कीमतों में स्थिरता ने इस क्षेत्र को निवेश के लिए एक स्थिर विकल्प बनाए रखा।


फिक्स्ड डिपॉजिट: सुरक्षित लेकिन सीमित रिटर्न


2024 में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें सामान्य निवेशकों के लिए 6.0-7.0% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6.5-7.5% के दायरे में रहीं। यह दरें 2023 के मुकाबले थोड़ी कम थीं, जब उच्च ब्याज दरों के कारण एफडी अधिक आकर्षक थी। हालांकि, मुद्रास्फीति के कारण वास्तविक रिटर्न पर असर पड़ा। फिर भी, फिक्स्ड डिपॉजिट जोखिम-मुक्त रिटर्न के लिए एक सुरक्षित विकल्प बना रहा।


2025 के लिए दृष्टिकोण


म्यूचुअल फंड्स


2025 में, म्यूचुअल फंड्स निवेशकों के पोर्टफोलियो का एक प्रमुख हिस्सा बने रहेंगे। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स अल्पकालिक अस्थिरता का सामना कर सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में भारत की आर्थिक वृद्धि, अनुकूल जनसांख्यिकी, और बुनियादी ढांचे पर जोर देने से यह वर्ग मजबूत रहेगा।
हाइब्रिड फंड्स, जैसे बैलेंस्ड एडवांटेज और मल्टी-एसेट फंड्स, निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प होंगे। सेक्टर-विशिष्ट फंड्स भी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों से लाभान्वित हो सकते हैं।


बॉन्ड


2025 में भारतीय बॉन्ड बाजार स्थिर रहने की संभावना है। सरकारी बॉन्ड और उच्च गुणवत्ता वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बने रहेंगे। AAA-रेटेड कॉर्पोरेट बॉन्ड, उच्च यील्ड के कारण, मांग में बने रहेंगे। 2025 में ब्याज दरों में बड़ी वृद्धि की संभावना नहीं है, जिससे बॉन्ड्स जोखिम-निवर्तमान निवेशकों के लिए आकर्षक बने रहेंगे।


निवेशकों के लिए सुझाव


2025 में निवेशकों को विविध परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करना चाहिए।

  1. जोखिम संतुलन: जोखिम और रिटर्न को संतुलित करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं।
  2. दीर्घकालिक दृष्टिकोण: बाजार चक्रों को समझें और अपनी निवेश रणनीति को समायोजित करें।
  3. स्थिरता पर ध्यान दें: बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे स्थिर आय वाले उत्पादों में निवेश करें।
    आने वाले वर्ष में परिसंपत्तियों का सावधानीपूर्वक चयन और उचित रणनीति के साथ, निवेशक वित्तीय सफलता की ओर बढ़ सकते हैं।

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