वाराणसी। यूपी के वाराणसी में बाढ़ का कहर इस तरह से विकराल होता जा रहा है कि जो शव अंतिम संस्कार के लिए घाट पर पहुंच रहे हैं उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। मजबूरी में छतों पर ले जाकर उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। चूंकि छत पर जगह सीमित है इसलिए वहां पर दाह संस्कार के लिए वेटिंग लिस्ट में लगना होता है। बारिश में लकड़ियां भीग गई हैं इसलिए सूखी लकड़ियां भी महंगे रेट में बिक रही हैं।
बारिश और बाढ़ का कहर पूरे भारत मे मचा कोहराम
वाराणसी में भी गंगा का जल स्तर लगातार बढता जा रहा है। बढ़ते जलस्तर के कारण जहाँ काशी के घाट की सीढ़ियां डूब चुकी है तो अब गंगा गलियों के अंदर तक पहुंच रही है। काशी का मणिकर्णिका घाट जहाँ मान्यता है कि अंतिम संस्कार करने से मृतक आत्मा को मोक्ष प्रदान होता है वहां के हालात और भी विकराल हो गए हैं। यहां का पूरा घाट पानी में डूब गया है। इस घाट में जिस स्थान पर दाह संस्कार होते हैं वह पूरा का पूरा डूब गया है। अब चूंकि दाह संस्कार ऐसी चीज है जिसे रोका नहीं जा सकता। इसलिए अब मणिकर्णिका घाट की छत पर दाह संस्कार की प्रक्रिया की जा रही है। चूंकि छत पर सीमित जगह है इसलिए आने वाले शवों का नंबर तुरंत नहीं लग पा रहा है। शव लेकर आने वाले शवयात्रियों को अपनी बारी का इंतज़ार 2 घंटे से लेकर 12 घण्टे तक करना पड़ रहा है।
बनारस के मणिकर्णिका घाट के आसपास की गलियों मर पानी भर आया है तो साथ ही घाट पर शव जलाने के चेम्बर भी जलमग्न हो चुके है जिससे अब शवों को जलाने के लिए बनाए गए छत के ऊपरी हिस्से में महज 10 चेम्बरों में ही शवदाह किये जा रहे है। इस कारण लोग अपने परिजनों के शव को जमीनों में रख घण्टों तक नम्बर लगा अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे है। स्थानीय अमित श्रीवास्तव जो शव लेकर आये उन्होंने बताया कि जब हम लोग यही के रहने पर भी 2 घण्टे से इंतजार कर रहे है तो बाहरी लोगों का क्या होता होगा।
बाढ़ के कारण शवों के जलाने का खर्च भी हुआ दुगना
शव यात्री विवेक अवस्थी कहते है कि इस बाढ़ के कारण एक तरफ जहां पानी के सैलाब ने जलाने वाली लकड़ियां भीग गयी है तो शहर कर रास्ते आने के कारण शवो के दाह में खर्च होने वाले मूल्य में वही इजाफा हो गया है। बाढ़ ने एक घाट से दूसरे घाट के सम्पर्क पूरी तरह से टूट गया है तो नावों के संचालन बन्द होने से नाविक परिवार के कारण रोजी रोटी का संकट पैदा हो चुका है। वही स्थानीय पार्षद की माने तो इतनी दुर्व्यवहार घाटो के किनारों पर अवैध कब्जे के कारण हुये है बाढ़ तो बहाना है। वही पानी के जलस्तर को बढ़ता हुआ देख एनडीआरएफ की टीमें भी लगातार पेट्रोलिंग कर रही है।