‘किशोरियों में एनीमिया की समस्या का समाधान’ रहेगी थीम
गाजियाबाद, । भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे पोषण अभियान को 8मार्च को एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। इस मौके पर प्रदेश सरकार की ओर से
8 से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा चलाने का निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। पत्र मिलने के बाद जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि 8 मार्च को एएनएम सब-सेंटर पर संबंधित आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पोषण सखी और एएनएम को अनिवार्य रूप से
उपस्थित रहने के निर्देश हैं।
8 से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा चलाने का निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। पत्र मिलने के बाद जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि 8 मार्च को एएनएम सब-सेंटर पर संबंधित आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पोषण सखी और एएनएम को अनिवार्य रूप से
उपस्थित रहने के निर्देश हैं।
पखवाड़े के दौरान पोषण के प्रति जन जागरूकता के लिए जन सहभागिता से विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इन गतिविधियों के बारे में रोजाना भारत सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। पखवाड़े के दौरान किशोरियों में एनीमिया की समस्या के समाधान पर फोकस रहेगा। पोषण अभियान के तहत हर माह की 8 तारीख को आंगनबाड़ी केंद्रों पर किशोरी दिवस मनाया जाता है, जबकि जनवरी और जुलाई माह में किशोरी दिवस का आयोजन एएनएम सब-सेंटर पर किया जाता है। 8 मार्च को भी किशोरी दिवस का आयोजन एएनएम सब-सेंटर पर आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। पोषण पखवाड़े के.दौरान स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस मिलकर किशोरियों के स्वास्थ्य एवं पोषण पर विशेष ध्यान देंगे। पखवाड़े के पहले दिन यानी 8 मार्च को एएनएम सब-सेंटर पर हर किशोरी को‘किशोरी हेल्थ कार्ड’ जारी किया जाएगा। इस कार्ड पर 11 से 14 वर्ष की किशोरियों के खून की जांच करके हीमोग्लोबिन का स्तर दर्ज किया जाएगा।इतना ही नहीं एनीमिया होने की स्थिति में किशोरियों को आयरन की गोलियां दी जाएंगी, साथ ही खान-पान व एनीमिया से बचाव की जानकारी दी जाएगी।
किशोरियों की लम्बाई और वजन के आधार पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करके हेल्थ कार्ड पर अंकित किया जाएगा। इसके अलावा एएनएम , आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किशोरियों को पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता की जानकारी देंगी। सभी किशोरियों को हेल्थ कार्ड जारी किया जा सके, इसके लिए स्कूल न जाने वाली किशोरियों की जांच सुबह के समय की जाएगी जबकि स्कूलजाने वाली किशोरियों की जांच दोपहर बाद की जाएगी ताकि एक भी किशोरी जांच और काउंसिलिंग से वंचित न रहने पाए। स्कूल जाने वाली हर किशोरी दोपहर बाद एएनएम सेंटर पर पहुंचे यह जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाचार्य की होगी। 8 मार्च को जांच और काउंसिलिंग का कार्य पूरा होने की स्थिति में यह कार्य अगले दिन पूरा किया जाएगा।
8 मार्च को हेल्थ कार्ड जारी करने के चार माह बाद यानी 8 जुलाई, 2019 को और फिर 8 जनवरी, 2020 को किशोरियों की जांच की जाएगी। इस पूरे अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ आईसीडीएस और माध्यमिक शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
दूध के साथ कभी न लें आयरन की गोली
जिला महिला अस्पताल चिकित्सक डॉ दीपा त्यागी ने बताया कि अक्सर देखने में आया है कि महिलाएं और किशोरियों आयरन की गोली दूध या चाय
के साथ खा लेती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा करना गलत है। दूध या दूध से बनी किसी चीज के साथ गोली लेने से शरीर गोली से जरूरी आयरन का अवशोषण
कम कर पाता है। आयरन की गोली खाने के लिए विटामिन युक्त कोई पेय लेनाचाहिए। ऐसा करने से शरीर गोली में मौजूद आयरन का पूरा अवशोषण कर पाता है।
खान-पान में इन बातों का ध्यान रखें किशोरियां
– आयरन की कमी को पूरा करने के लिए मेथी, पालक, बथुआ, सरसों, गुड़ का सेवन करें।
– अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए।
– अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए।