घोसी उपचुनाव : सपा को बड़ी बढ़त: 9वें राउंड में सुधाकर सिंह जानिए कितने हजार वोटों से है आगे

घोसी के घमासान में सपा की बढ़त बरकरार है। 9वें राउंड में सुधाकर सिंह बीजेपी के दारा सिंह से 9 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। सुधाकर सिंह को 34117 वोट मिले हैं, जबकि दारा सिंह को 24885 वोट मिले हैं। घोसी के दंगल में 10 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन नोटा ने 7 प्रत्याशियों को पछाड़ कर तीसरे नंबर पर कब्जा जमाया है। नोटा को 549 वोट मिले हैं।

पिछले 4 चुनावों की बात करें, तो 2 बार सपा तो 2 बार बीजेपी ने बाजी मारी है। 5 सितंबर को हुई वोटिंग में 50.30% वोटर्स ने मतदान किया था। यह पिछले चुनाव से 8% कम था।

अब टेबल के जरिए जानिए किसे किस राउंड में कितने वोट मिले…

राउंडसुधारक सिंहदारा सिंहअंतर
13281320378
2684454721372
31033483421992
414286102194067
518946119277019
622785142288557
725496183117185
829030221476883
934117248859113

LIVE अपडेट्स…

  • काउंटिंग के लिए 14 टेबल बनाए गए हैं। इसमें 19 टीमें काउंटिंग करेंगी। कुल 32 राउंड काउंटिंग होगी।
  • सपा के सुधाकर देर रात मतगणना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा, ”जब तक गिनती न हो जाए और परिणाम न निकल जाए, तब तक तो निगरानी करनी पड़ती है।”

योगी-अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी
घोसी में योगी और अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। भाजपा ने उपचुनाव में मंत्रियों की फौज उतार दी थी। बीजेपी के लिए 26 मंत्री और 60 से ज्यादा विधायक ने प्रचार किया। सीएम योगी ने भी चुनावी जनसभा की। ​​​​​

बीजेपी ने पिछड़ी जाति के वोटरों को साधने के लिए ओपी राजभर को, निषाद वोटरों को साधने के लिए संजय निषाद, कुर्मी वोटरों को साधने के लिए एके शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह, ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मुस्लिम समाज के पसमांदा वोटरों को साधने के लिए दानिश आजाद अंसारी को घोसी के रण में उतरा गया।

इधर, सपा की तरफ से अखिलेश यादव, शिवपाल यादव समेत कई नेता चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।​ शिवपाल तो नामांकन के बाद से ही घोसी में डटे रहें। अपने प्रत्याशी के लिए शिवपाल यादव ने डोर-टू-डोर कैंपेन किया।

6 साल में चौथी बार हुए चुनाव
घोसी विधानसभा सीट पर 6 साल के भीतर चौथी बार चुनाव हुए हैं। दिलचस्प है कि PDA (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) का नारा बुलंद करने वाली समाजवादी पार्टी ने क्षत्रिय बिरादरी के उम्मीदवार पर दांव लगाया है, जबकि बीजेपी की ओर से दलबदल के लिए चर्चित रहे दारा सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर है।

क्यों हुआ उपचुनाव?
सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह सीट खाली हो गई। फिर 8 अगस्त को उपचुनाव का ऐलान हुआ। 10 अगस्त से नामांकन से शुरू हुआ, जिसके लिए अंतिम तिथि 17 अगस्त रखी गई थी। वहीं, चुनाव प्रचार 3 सितंबर तक चला। 5 सितंबर को वोटिंग हुई थी।

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