अविश्वास प्रस्ताव पर बोले गोगोई- प्रस्ताव लाने का मकसद पीएम मोदी का मौन तोड़ना है

दिल्ली । लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार यानी 8 अगस्त को चर्चा हो रही है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपने अविश्वास प्रस्ताव पर 35 मिनट स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने मणिपुर हिंसा से लेकर विदेश नीति तक के मुद्दे पर सरकार को घेरा। गोगोई ने कहा कि प्रस्ताव लाने का मकसद पीएम का मौन तोड़ना है। भाजपा की तरफ से निशिकांत दुबे ने कहा कि सोनिया गांधी का एक ही मकसद है- बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना।

गोगोई ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल हो गई। इसलिए मणिपुर में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। राज्य के CM, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है। इससे पहले सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। PM मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब 10 अगस्त को दे सकते हैं।

राहुल के प्रस्ताव की शुरुआत न करने पर भाजपा ने चुटकी ली

विश्वास प्रस्ताव की शुरुआत गौरव गोगोई ने जैसे ही की, भाजपा सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। कहा- सुबह सेक्रेटरी जनरल के यहां चिट्ठी आई थी कि राहुल गांधी जी बोलेंगे। हम तो उनके भाषण का इंतजार कर रहे हैं। अब गौरव गोगोई बोल रहे हैं। 5 मिनट में आखिर क्या हो गया।

गोगोई ने सरकार से 3 सवाल पूछे

प्रधानमंत्री मोदीजी मणिपुर क्यों नहीं गए। राहुल गए, INDIA अलायंस के सांसद गए, गृहमंत्री गए।
अस्सी दिन क्यों लगे मणिपुर पर बोलने में। बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड बोले। आज तक संवेदना का कोई शब्द व्यक्त नहीं किया। प्रधानमंत्री होने के नाते उनके शब्दों का जो महत्व है, वो किसी मंत्री के शब्दों में नहीं है। शांति के कदम की शुरुआत PM करें तो वो अच्छा है, मंत्री के कदम में ये ताकत नहीं। मणिपुर के मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया। गुजरात में जब राजनीति करनी थी तो एक बार नहीं दो बार CM बदले। उत्तराखंड में 3 बार बदला, त्रिपुरा में बदला। मणिपुर के CM को क्या विशेष आशीर्वाद है, जो खुद स्वीकार कर रहे हैं कि इंटेलिजेंस फेलियर हुआ।

PM क्यों नहीं बोल रहे, इसकी 3 वजहें- कांग्रेस

पीएम को स्वीकार करना पड़ेगा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार फेल हो गई।

मणिपुर में भारत का गृह विभाग और रक्षा सलाहकार विभाग विफल रहा है।

प्रधानमंत्री जनता के बीच यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि उनसे भूल हुई है।

PM से 3 याचनाएं भी कीं

पहली याचना: सदन में बात रखें, लोकसभा और राज्यसभा में भी जाएं।
दूसरी याचना: मणिपुर जाएं और पूरी पार्टी को लेकर जाएं। ऑल पार्टी डेलिगेशन लेकर जाएंगे तो हम भी जाएंगे।
तीसरी याचना: मणिपुर के समाजसेवी संगठनों को बुलाएं और मीटिंग करें।

निशिकांत ‘इंडिया’ गठबंधन पर बरसे, हर पार्टी का जिक्र किया

सरकार की तरफ निशिकांत दुबे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमें राहुल गांधी के बोलने की उम्मीद थी, पर वो नहीं बोले। लगता है, राहुल जी तैयार नहीं थे आज, देर से उठे होंगे। उन्होंने INDIA गठबंधन पर भी हमला बोला। कहा कि पीएम बोलते हैं कि ये अविश्वास प्रस्ताव नहीं, ये अपोजिशन में विश्वास प्रस्ताव है कि कौन किसके साथ है।

DMK: 1976 में भ्रष्टाचार के आरोप पर इस कांग्रेस ने करुणानिधि सरकार को बर्खास्त किया था। 1980 में जब इंदिराजी की सरकार बनी तो यही डीएमके साथ हो गई।

SP: मुलायमजी की सपा। मुलायमजी की इमेज को किसने चौपट किया। कांग्रेस कार्यकर्ता पिटीशन दाखिल करते हैं और 2007 में मुलायम पर केस हो जाता है। इसके बाद इनकम टैक्स का केस कर दिया।

NCP: यहां एनसीपी की सुप्रिया सुले जी हैं। नेशनल करप्ट पार्टी। 1980 में शरद पवार साहब की चुनी हुई सरकार को किसने बर्खास्त किया। इस कांग्रेस ने किया। जिस आधार पर शरदजी ने अलग होकर एनसीपी बनाई थी। रोज पवारजी पर आरोप लगते थे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस: नेशनल कॉन्फ्रेंस है।1953 में शेख अब्दुल्ला साहब को जेल में कांग्रेस ने बंद किया। 1975 तक बंद रहे। इनका विरोध उसके साथ होना चाहिए कि हमारे साथ।

भारतीय नारी का पूरा काम कर रहीं हैं सोनिया

बीजेपी के निश‍िकांत दुबे ने कांग्रेस की पूर्व अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर चुटकी ली। दुबे ने कहा, ‘भारतीय नारी को क्‍या-क्‍या करना चाहिए, उसकी पूरी की पूरी पिक्‍चर सोनिया जी देती हैं। उनको दो काम करने हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।’ मैंने दोनों बातें कहीं। मैं अपनी बात पर कायम हूं। नेशनल हेराल्ड पर इनकम टैक्स का केस चल रहा है। इनकम टैक्स ने कहा कि जितने केस हैं, उसकी असेसमेंट करें। हाईकोर्ट का आदेश आ गया कि इसे सेंट्रलाइज्ड करना है। तभी ये सुप्रीम कोर्ट चले गए। एक लाख रुपया देकर कोई पांच हजार करोड़ की कंपनी ले सकता है, ये तो यही जानें। अभी 80 करोड़ रुपया हमारे साथी ने इनकम टैक्स में भरा है।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने दिया था अविश्वास प्रस्ताव नोटिस

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ इस प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने स्वीकार कर लिया था। 2014 से ये दूसरी बार है जब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है?

लोकसभा देश के लोगों की नुमाइंदगी करती है। यहां जनता के चुने हुए प्रतिनिधि बैठते हैं, इसलिए सरकार के पास इस सदन का विश्वास होना जरूरी है। इस सदन में बहुमत होने पर ही किसी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार है।

इसे पास कराने के लिए लोकसभा में मौजूद और वोट करने वाले कुल सांसदों में से 50% से ज्यादा सांसदों के वोट की जरूरत होती है।

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