बताते चले मद्रास हाई कोर्ट की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा गया था कि यह ऐप बच्चों पर बुरा असर डालते हुए पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा दे रहा है और यूजर्स को यौन हिंसक बना रहा है. अश्लील कंटेट ऐप पर शेयर करने का आरोप लगाते हुए इस ऐप के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी का ऑर्डर इस ऐप के और डाउनलोड्स को रोकने में मदद करेगा। हालांकि, जिन लोगों ने पहले ही TikTok ऐप को डाउनलोड कर रखा है, वह अपने स्मार्टफोन पर इसका इस्तेमाल कर पाएंगे.
आईटी मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार
केंद्र ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद ऐपल और गूगल को ऐप बैन करने के लिए लेटर लिखा था. सरकार ने लेटर में गूगल और ऐपल को मद्रास हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए कहा था. मंगलवार देर रात तक ios पर ऐप मौजूद रहा, जबकि गूगल प्ले स्टोर से ऐप को हटाया जा चुका है.
सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि फिलहाल इस मामले की सुनवाई मद्रास हाई कोर्ट हो रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इसकी सुनवाई 22 अप्रैल को करेगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इसी दौरान ऐप को लेकर मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने से इनकार भी कर दिया था.