
भास्कर समाचार सेवा मुरादनगर। गुरु तेग बहादुर सिंह को स्मरण करते हुए बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया। प्रधानाचार्य सोम गिरी ने उनके चित्र पर फूलमाला व दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संचालन रजनीश वर्मा द्वारा किया गया। प्रधानाचार्य ने उनके जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि इनका जन्म 1 अप्रैल 1621 को पंजाब प्रांत के अमृतसर में गुरु हरगोविंद सिंह के पांचवे पुत्र के रूप में हुआ। इन के बचपन का नाम त्याग मल था गुरु तेग बहादुर ने अपने प्राणों की चिंता न करते हुए कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं की बहुत मदद की। जिसके चलते मुगल शासक औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी को हिंदुओं की मदद और इस्लाम अपनाने से इनकार करने की वजह से औरंगजेब के शासनकाल में उनका सर कलम करवा दिया था ।गुरु तेग बहादुर जी एकमात्र मिसाल हैं जिन्होंने दूसरे की आस्था की रक्षा के लिए अपनी जान गवा दीl शिक्षक अशोक नगर , हरीश त्यागी,अरविंद चौधरी,महेश तोमर ,रिंकू राय ,मीनू चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए इस मौके पर सभी शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।