Gurugram News : दिल्ली एनसीआर में नोएडा के बाद अब गुरुग्राम ( Gurugram ) में बायर्स ( buyers ) को बेहतर साज सज्जा दिखाकर खतरनाक और घटिया क्वालिटी के फ्लैट्स ( Low quality flats ) बेचने का मामला सामने आया है। नोएडा के ट्विन टावर ( Noida twin tower ) के तर्ज पर गुरुग्राम में भी चिन्तेल्स पाराडिसो टावर डी ( chintels paradiso D tower ) के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है। चौंकाने वाली बात यह है कि ई और एफ टावर भी जांच के दायरे में है, रिपोर्ट आने के बाद इसे भी जमींदोज किया जा सकता है। फिलहाल टावर डी को ध्वस्त करनी प्रक्रिया जारी है और सिर्फ अंतिम डेट तय होने का काम बाकी रह गया है।
अब सवाल ये उठाए जा रहे हैं कि 18 मंजिला टावर का निर्माण हो गया। क्या हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट प्राधिकरण ( Haryana Urban Development Authority ) अभी तक सोई हुई थी। अभी तक डिजाइन, क्वालिटी और स्ट्रक्चरल निर्माण विभाग के अधिकारी क्या कर रहे थे। वो गनीमत है कि डी टावर के छठी मंजिल के एक फ्लैट्स का छत गिरते-गिरते नीचे तक आ गया और जानलेवा घटिया क्वालिटी के निर्माण का खुलासा भी हो गया। नहीं को किसी दिन कई परिवार की जान चली जाती।
फिलहाल, गुरुग्राम प्रशासन ने 50 फ्लैट वाले चिन्तेल्स पाराडिसो डी टावर को गिराने की तैयारी शुरू कर दी है ।गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने शनिवार को आईआईटी दिल्ली की एक टीम की रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि टावर के निर्माण में संरचनात्मक कमियां मिली हैं। इन कमियों की मरम्मत तकनीकी और आर्थिक आधार पर संभव नहीं है। इसलिए पूरे टॉवर को ध्वस्त करने की बात चल रही है।
यह मामला गुरुग्राम के सेक्टर 109 में स्थित चिन्तेल्स पाराडिसो (Chintels Paradiso) सोसायटी से जुड़ा है। इस सोसाइटी के ही डी टावर को जमींदोज करने की तैयारी है। 10 फरवरी 2022 को इस टावर की छठी मंजिल के एक फ्लैट के डाइनिंग रूम का फर्श सीधे नीचे गिर गया था। यह फर्श गिरते-गिरते पहली मंजिल तक पहुंच गया था। हादसे में 2 महिलाओं की मौत हो गई थी। जबकि आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे।
घटना के बाद IIT दिल्ली को इसकी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। आईआईटी दिल्ली रिपोर्ट के रिपोर्ट को आधार बनाकर गुरुग्राम के उपायुक्त्अ आज टावर जमींदोज करने की तारीख पर फैसला लेंगे। इस मामले पर चिन्तेल्स पाराडिसो की तरफ से कहा गया है कि हादसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था।
चिन्तेल्स पाराडिसो टावर में लापरवाही का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने कई अन्य ऊंची इमारतों का ऑडिट करने का भी फैसला लिया है। जांच में सामने आया है कि बिल्डिंग की मरम्मत का काम बिना निगरानी के किया गया। स्टील की रॉड्स में जंग को छिपाने के लिए उसे ऊपर से पेंट कर दिया गया था। बिल्डिंग की मरम्मत के लिए अपनाया गया तरीका भी मानदंडों के अनुरूप नहीं था। टॉवर डी से लिए गए नमूने में पाया गया कि इसमें क्लोराइड की मात्रा अधिक थी और कंक्रीट की गुणवत्ता भी खराब पाई गई है।
अब गुरुग्राम के डीसी को IIT दिल्ली की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि टावर डी को स्थाई तौर पर बंद कर दिया जाना चाहिए। इसके बाद इसे जमींदोज करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जानी चाहिए। डीसी ने बताया कि चिन्तेल्स पाराडिसो सोसायटी में कुल 9 टावर हैं। टावर ‘ई’ और ‘एफ’ में भी स्ट्रक्चरल ऑडिट की प्रक्रिया चल रही है। दोनों टावर्स से निर्माण के नमूने लिए गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि बिल्डर को इन दोनों टावरों को खाली करवाकर अपने फ्लैट मालिकों के साथ एक रेंट एग्रीमेंट करने के लिए कहा जाएगा। टॉवर ई में 28 और टावर एफ में 22 फ्लैट हैं। फ्लैट मालिकों को किराए पर दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने को कहा गया है।
हुडा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (डीटीसीपी) ने टावर डी के आंशिक रूप से गिरने के बाद प्रभावित टावरों के संरचनात्मक ऑडिट का आदेश दिया था। घटना की जांच के लिए अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित की गई थी।