बॉलीवुड के टाॅप कॉमेडियन जॉनी लीवर आज 66 साल के हो चुके हैं। करीब 350 फिल्मों का हिस्सा रहे जॉनी कभी फिल्मों में नहीं आना चाहते थे। पहली फिल्म मिली तो डर की वजह से बुखार आ गया। क्रिश्चियन परिवार में जन्मे जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। तंगी से परेशान होकर सुसाइड की कोशिश भी की। आज इनकी कुल नेटवर्थ 227 करोड़ है।
किस्सा 1- गरीबी की वजह से पढ़ाई अधूरी रही
जॉनी लीवर सिर्फ सातवीं तक पढ़ाई कर पाए थे। दरअसल, परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी। उनके पिता परिवार पर अधिक ध्यान नहीं देते थे। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में खुलासा किया था, ‘पापा अधिकतर समय नशे में ही रहे थे। उनको शराब की लत थी। दिन भर दोस्तों के साथ बाहर ही रहते। परिवार की मुश्किलों से उन्हें कुछ लेना-देना नहीं था। पापा के एक बड़े भाई थे, जो हमारी थोड़ी-बहुत मदद कर देते थे, लेकिन सभी का खर्चा उठाना किसी एक के बस का नहीं था। इसी वजह से मुझे पढ़ाई छोड़नी पड़ी और छोटा-मोटा काम करना शुरू किया।’
किस्सा 2- टीचर उठाना चाहती थीं पढ़ाई का खर्चा
जॉनी लीवर बचपन से ही बहुत क्रिएटिव इंसान थे। बच्चे-बुजुर्गों को देखकर वो उनकी हरकतों को कॉपी किया करते थे, जो लोगों को बहुत पसंद आता था। स्कूल में भी उनके इस हुनर के लोग दीवाने थे। उनकी क्लास टीचर उनकी इस आदत की वजह से उन्हें बहुत मानती थीं। जब उन्हें पता चला कि जॉनी ने स्कूल छोड़ दिया तो उन्होंने कुछ बच्चों को जॉनी के घर भेजा और उन्हें दोबारा स्कूल आने के लिए कहा।
वो चाहती थीं कि जॉनी पढ़ाई अधूरी ना छोड़ें। वो उनका पूरा खर्च भी उठाने को तैयार थीं, लेकिन जॉनी ने मदद लेने से मना कर दिया। वजह ये भी थी कि उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। उन्होंने बताया था कि वो अभी भी अपनी क्लास टीचर के साथ टच में हैं।
किस्सा 3- तंगी की वजह से सुसाइड करना चाहते थे
परिवार की आर्थिक परेशानियां जॉनी लीवर को बहुत परेशान करती थीं। कम उम्र में ही उन्होंने इन्हीं परेशानियों से तंग आकर सुसाइड करने का कदम उठाया था। इस घटना की पुष्टि करते हुए उन्होंने बताया, घर की हालत मुझे बहुत परेशान करती थी। एक दिन मैं रेलवे ट्रैक पर लेट गया और आंखें बंद कर ली, क्योंकि मैं मौत को सामने से नहीं देखना चाहता था। मेरी आंखें बंद थीं तभी घरवालों का चेहरा सामने आने लगा। ये देखकर मैं झट से उठ गया और वापस घर चला गया।
किस्सा 4- सितारों की मिमिक्री कर पेन बेचने का काम किया
एक दिन जॉनी लीवर ग्रुप के गुरु से मिलने उनके फ्लैट पर गए। तभी उन्हें एक आदमी ने रोक लिया और कहा कि वो ग्रुप के लोगों के साथ नौटंकी करके अपना वक्त जाया ना करें। इस पर जॉनी उससे पूछ बैठे कि वो फिर कौन सा काम करें?
वो शख्स फेरी लगाकर पेन बेचता था, उसने जॉनी को भी अपने साथ वही काम करने का ऑफर दिया। जॉनी मान भी गए। शुरुआत में पेन बेचकर वो दिन के 5-6 रुपए कमा लेते थे। इसी दौरान उन्होंने कुछ लोगों को मिमिक्री करते देखा। ये देख वो बहुत प्रभावित हुए और मन बनाया कि वो ये करेंगे।
एक दिन वो पेन बेच कर रहे थे कि तभी उन्हें मन में ख्याल आया कि क्यों ना वो बॉलीवुड सितारों की मिमिक्री कर पेन बेचें। उन्होंने शुरुआत दादामुनी (अशोक कुमार) की एक्टिंग से की। लोगों को उनका काम पसंद आया तो कुछ हैरान भी हुए, लेकिन पेन बेचने का धंधा बहुत तेजी से चल गया। दिन की कमाई 400-500 तक पहुंच गई। जिस शख्स ने उन्हें ये काम सौंपा तो वो भी बात से हैरान रह गया, क्योंकि कोई भी ग्राहक उसके पास जाता ही नहीं था, सभी जॉनी से ही पेन खरीदने लगे।
किस्सा 5- किन्नर के साथ किया कॉम्पिटिशन
जॉनी लीवर एक दिन किसी फंक्शन में गए थे। वहां पर किन्नर भी आए थे। किन्नर अपने अंदाज में गा और एक्ट कर लोगों से पैसे मांग रहे थे। उन्हें देख जॉनी भी उनकी कॉपी करने लगे। वो भी उसी अदा से लोगों के पास जाकर पैसे मांगने लगे।
ये देख किन्नर समुदाय के लोग बेहद खुश हुए और उन्हें अपने साथ आने को कहा, लेकिन जॉनी ने इनकार कर दिया और सारे पैसे देकर चले गए।
किस्सा 6- फिल्म में ब्रेक मिलने का किस्सा
ग्रुप के लोगों ने जॉनी लीवर की मुलाकात संगीतकार जोड़ी कल्याण जी-आनंद जी से कराई। इसके बाद जॉनी उन लोगों के साथ बड़े-बड़े शोज करने लगे। जॉनी स्टेज तो आसानी से कर लेते थे, लेकिन फिल्मों में काम करने से कतराते थे।
एक दिन वो कल्याण जी और कुछ लोगों के साथ कैरम खेल रहे थे। तभी तमिल के एक प्रोड्यूसर आए और बातों-बातों में बताया कि जिस फिल्म पर वो काम कर रहे हैं, वो लगभग पूरी हो चुकी है। बस 2-3 सीन्स के लिए उन्हें एक कॉमेडियन की तलाश है, जो कॉमेडियन जगदीप के अपोजिट काम कर सके।
कॉमेडियन की जरूरत देख कल्याण जी ने प्रोड्यूसर को जॉनी को फिल्म में कास्ट करने का सुझाव दिया। प्रोड्यूसर भी मान गए, लेकिन ये सुन जॉनी के हाथ-पैर कांपने लगे। इस फैसले के दो घंटे बाद ही उन्हें चेन्नई जाना पड़ा। पूरी रात वो सो नहीं पाए, बुखार सा हो गया।
जब उन्होंने पहले दिन सेट पर लोगों को बिना किसी हिचक के काम करते देखा तब उन्हें समझ आया कि वो स्टेज के जैसे फिल्म में भी आसानी से काम कर लेंगे। इसके बाद उन्होंने अपना शॉट दिया जो लोगों को बहुत पसंद आया। इस तरह से उन्होंने फिल्मों में एंट्री ली। इस तमिल फिल्म का हिंदी वर्जन में नाम ‘ये रिश्ता न टूटे’ था।
किस्सा 7- पिता की खराब तबीयत में शाहरुख मदद के लिए आगे आए
1999 में रिलीज हुई फिल्म बादशाह में जॉनी लीवर ने रामलाल का रोल प्ले किया था। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके पिता बहुत बीमार चल रहे थे और उनका ऑपरेशन भी होना था। इस वक्त जॉनी को फिल्म में एक कॉमेडी सीन की शूटिंग भी करनी थी।
पिता की हालात ठीक नहीं थी, इसके बावजूद उन्होंने काम को अहमियत दी और शूटिंग पूरी की। हालांकि, उनके लिए ये करना बिल्कुल आसान नहीं था। शूटिंग के बाद वो अपने ड्रेसिंग रूम में थे, तभी उनके पास शाहरुख खान आए और पिता की तबीयत के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि कोई मदद की जरूरत पड़े तो जॉनी उनसे बेझिझक मांग लें।
शाहरुख का ये जेस्चर देख वो बहुत खुश और हैरान भी हुए, क्योंकि उन्होंने शाहरुख को पिता की तबीयत के बारे में कुछ नहीं बताया था। शाहरुख ने भी कई इंटरव्यू में कहा है कि जॉनी लीवर उनके फेवरेट एक्टर्स में से एक हैं।