हार्डवेयर उद्योग हरित विनिर्माण की ओर बढ़ रहा है : मिलिंद दीक्षित


प्रगति मैदान में शुरू हुआ इंटरनेशनल हार्डवेयर फेयर इंडिया 2024

नई दिल्ली : जैसे-जैसे पर्यावरण संरक्षण के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ी है, हार्डवेयर उद्योग धीरे-धीरे हरित विनिर्माण की ओर परिवर्तित हो रहा है। कंपनियां उत्पादन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल सामग्री, ऊर्जा-बचत उपकरण और अपशिष्ट रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों को अपना रही हैं। इसके अतिरिक्त, सरकारें और उद्योग संगठन पर्यावरण मानकों की स्थापना और कार्यान्वयन को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे हार्डवेयर कंपनियों के लिए नए बाजार अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। भविष्य में, हरित और टिकाऊ उत्पाद उद्योग में एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धी लाभ बन जाएंगे। यह जानकारी गुरुवार को यहां प्रगति मैदान में ईसेनवारेनमैस्से द्वारा पावर्ड इंटरनेशनल हार्डवेयर फेयर इंडिया के दूसरे संस्करण के उद्घाटन मौके पर कोलनमैस्से के एमडी मिलिंद दीक्षित ने दी। उन्होंने कहा कि भारत का हार्डवेयर और बिल्डिंग मटीरियल मार्केट बदलाव के दौर से गुज़र रहा है। आज के उपभोक्ताओं में पर्यावरण के अनुकूल स्थायी प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है। प्रगति मैदान के हॉल नम्बर 11 में 8 दिसम्बर तक चलने वाले तीन दिवसीय इस हार्डवेयर फेयर इंडिया प्रदर्शनी में 250 से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं, इसमें चीन, कोरिया, इटरी और ताइवान के पैविलियन हैं। प्रदर्शनी में 35 से अधिक देशों से 10,000 से अधिक कारोबार आगंतुकों के पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। प्रदर्शनी के दौरान प्रीमियम हैण्ड टूल्स, पावर टूल्स, स्पेशलाइज़्ड टूल्स एवं ओद्यौगिक हार्डवेयर समाधानों में इनोवेशन्स की व्यापक रेंज को प्रदर्शन किया जा रहा है।

उभरते बाजारों का विस्तार…
इव अवसर पर मौजूद फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ओर्गेनाइजेशन (एफआईईओ) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि हार्डवेयर उत्पादों की मांग न केवल विकसित देशों में है बल्कि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते उभरते बाजारों में भी काफी बढ़ रही है। 2023 में भारत के हार्डवेयर निर्यात ने 15 फीसदी सालाना का विकास दर्ज किया है। यही नहीं भारत ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुकाम हासिल कर लिया है और 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि भारत का फर्नीचर हार्डवेयर मार्केट 2024 से 2029 के बीच 15.49 फीसदी की दर से बढ़ेगा। यह 2024 में 3.04 बिलियन डॉलर पर है, जो 6.26 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा।

तकनीकी नवाचार और स्मार्ट विनिर्माण…

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ओर्गेनाइज़ेशन के डीजी व सीईओ डा. अजय सहाय ने कहा कि हार्ड वेयर उद्योग 4.0 और स्मार्ट विनिर्माण के उदय के साथ, हार्डवेयर उद्योग तकनीकी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। स्वचालन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उन्नत तकनीकों के अनुप्रयोग ने उत्पादन दक्षता और उत्पाद की गुणवत्ता में काफी सुधार किया है। उन्होंने कहा कि 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य के साथ भारत निर्यात में तेज़ी से विकास की ओर अग्रसर है। हाल ही के वर्षों में हमारा निर्यात 478 बिलियन डॉलर से बढ़कर 778 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इस दृष्टि से 8 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है। हमने 14 फीसदी सीएजीआर के साथ विकसित होने का लक्ष्य रखा है। मशीनरी, हेण्ड टूल्स, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रोनिक्स और मेडिकल उपकरणों जैसे सेक्टर तेज़ी से प्रगति कर रहे हैं। हम निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए मुख्य बाज़ारों जैसे यूएई, ऑस्ट्रेलिया, यूके, ओमान, पेरू और ईयू के साथ कारोबार समझौते कर रहे हैं।’

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