नई दिल्ली: हरियाणा के रेवाड़ी में 12वीं की टॉपर रही 19 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर गैंगरेप के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी आर्मी के जवान पंकज और मनीष को गिरफ्तार कर लिया है. मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल ने आरोपियों की गिरफ्तारी में मदद करने वालों के लिए एक लाख रुपए नगद ईनाम की घोषणा की थी. गौरतलब है कि गैंगरेप में सेना के जवान का नाम सामने आने के बाद साउथ वेस्टर्न कमांड के कमांडिंग इन चीफ ले. जन. चेरिश माथसन ने कहा था कि अपराध में कोई सेन्यकर्मी शामिल हुआ तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. हम उसे पकड़ने ओर सजा दिलाने में पूरा सहयोग करेंगे. भारतीय सेना अपराधियों को संरक्षण नहीं देती है.
Haryana: Pankaj and Manish, the two prime accused in Rewari gangrape case have been arrested pic.twitter.com/Cq6WebtKcd
— ANI (@ANI) September 23, 2018
पुलिस के मुताबिक
महेंद्रगढ़ में कुछ दिनों पहले कनीना बस अड्डे से लड़की का कथित तौर पर उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वह कोचिंग सेंटर से घर लौट रही थी. फिर उसे नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया गया. शिकायत में सरकार द्वारा सम्मानित की गई स्कूल की टॉपर रही लड़की के पिता ने कहा था कि हो सकता है आठ से 10 लोगों ने उससे बलात्कार किया हो.
आपको बता दें कि हरियाणा के रेवाड़ी जिले में शुक्रवार को 51 गांवों की ‘महापंचायत’ हुई थी जिसमें गैंगरेप के दो मुख्य आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई थी. ‘महापंचायत’ में प्रस्ताव पारित किया गया कि अभिभावकों से अपील की जाए कि अपने बच्चों को नशे और अपराध से दूर रखें.महापंचायत में ग्रामीणों ने तीन मुख्य आरोपियों में से दो को गिरफ्तार करने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार और हरियाणा पुलिस पर प्रहार किया था. दोनों आरोपी एक हफ्ते से ज्यादा समय से फरार थे.गढ़ी बाला गांव के सरपंच हंसराज के नेतृत्व में महापंचायत में एक ‘जनसंघर्ष समिति’ का गठन किया गया था ताकि पीड़िता के लिए न्याय मिलना सुनिश्चित किया जा सके.
आयोग के दल की रिपोर्ट में कहा गया था
वहीं इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने एवं गिरफ्तार करने के लिए त्वरित कदम नहीं उठाया. इस घटना के बाद तथ्यों की जांच के लिए आयोग का एक दल मौके पर गया था. आयोग के दल की रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोपियों का पता लगाने और गिरफ्तार करने के लिए त्वरित कदम उठाने में पुलिस ने देरी की. महिला आयोग के दल ने यह भी कहा कि जब हम मौके पर पहुंचे तो पाया कि घटनास्थल को सील नहीं किया गया. यह सबूत मिटाने जैसा है. बहरहाल, जब मामला एसआईटी के समक्ष उठाया गया तो सूचित किया गया कि फोरेंसिक टीम पहले ही नमूने एकत्र कर चुकी है.