कफ सिरप से मौतों पर हरियाणा-हिमाचल में हड़कंप, कंपनी के उत्पादन, बिक्री और एक्सपोर्ट पर रोक

हिमाचल प्रदेश के बद्दी में कंपनी का यूनिट।

गाम्बिया में कफ सिरप से 66 बच्चों की मौत के बाद हरियाणा और हिमाचल में हड़कंप मचा हुआ है। शक के घेरे में आया कफ सिरप सप्लाई करने वाली कंपनी का एक प्लांट हरियाणा के सोनीपत में है। वहीं हिमाचल के बद्दी में भी कंपनी की एक यूनिट है। WHO ने सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया। जिसके बाद केंद्र और राज्य की स्वास्थ्य टीमों ने सोनीपत में रेड की। जहां से कफ सिरप की सैंपलिंग की गई। बद्दी प्लांट में सिरप बनाने की जांच की गई।

हरियाणा के सेहत मंत्री अनिल विज ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और हरियाणा खाद्य एवं औषधि प्रशासन के तहत ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की एक टीम ने दवा कंपनी से सिरप के 5 सैंपल लिए हैं। इन्हें कोलकाता में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है।

दस्तावेजों की हो रही जांच
छापे के दौरान मिले कंपनी के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। हरियाणा के एक वरिष्ठ सेहत अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच पिछले शनिवार से चल रही है। कंपनी एक छोटे पैमाने की इकाई है और संयुक्त निरीक्षण के दौरान और मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सभी आवश्यक नमूने और दस्तावेज एकत्र किए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि उत्पाद और विक्रेताओं की सूची की कंपनी की रिपोर्ट सहित दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।

नया सिरप बनाने पर रोक, पुराना सील किया: ड्रग कंट्रोलर, हरियाणा
हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा ने बताया कि कुंडली स्थित कंपनी की यूनिट में छापा मारा गया है। कुछ सैंपल भी लिए गए हैं, जिनको जांच के लिए भेजा गया है। कंपनी में जो सिरप तैयार किया जा रहा था उसे बनाने से रोक दिया गया है। सैंपल की रिपोर्ट आने तक तैयार सिरप को भी सील किया गया है। इसकी जांच की जा रही है।

DCGI के निर्देश पर हिमाचल में अलर्ट जारी
WHO के अलर्ट के बाद हिमाचल भी अलर्ट पर है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के निर्देश मिल चुके हैं। हिमाचल के ड्रग डिपार्टमेंट ने सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को कफ सिरप के इन चार प्रोडक्ट पर खास नजर रखने के निर्देश दिए है। अगर कहीं पर भी ये प्रोडक्ट मिलते हैं तो तुरंत सूचित करने को कहा है।

एक यूनिट हिमाचल के बद्दी में भी
संदिग्ध कफ सिरप वाली कंपनी मेडिन फार्मास्युटिकल लिमिटेड की एक यूनिट इंडस्ट्री एरिया बद्दी में भी चल रही है। हालांकि, इस यूनिट में इन कफ सिरप का उत्पादन फिलहाल नहीं हो रहा है। ड्रग कंट्रोलर के निर्देशों पर ड्रग विभाग बद्दी की एक टीम ने बद्दी स्थित कंपनी में निरीक्षण शुरू कर दिया है।

कंपनी यूनिट की GMP कंडीशन चेक कर रहे
हिमाचल प्रदेश के राज्य दवा नियत्रंक नवनीत मारवाह ने बताया कि DCGI के निर्देश पर अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जिस कंपनी के प्रोडक्ट बताए जा रहे है उसकी एक यूनिट बद्दी में भी चल रही है। जिसके निरीक्षण के निर्देश भी जारी कर दिए गए है। उन्होंने बताया कि उक्त कंपनी की गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) कंडीशन की भी जांच की जा रही है।

शक के घेरे में आई कंपनी मेडन फॉर्मास्यूटिकल्स का विवरण।

जानिए कंपनी को

  • मैडन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड कंपनी 22 नवंबर 1990 में रजिस्टर्ड हुई थी। 30 नवंबर 2021को कंपनी की आखिरी एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) हुई है।
  • कंपनी में 4 डायरेक्टर हैं। जिसमें विवेक गोयल, कपिल गोयल, नरेश कुमार गोयल और विनोद कुमार शामिल हैं।
  • कंपनी की एक करोड़ रुपये कैपिटल रिकार्ड है। कंपनी के रिकार्ड के अनुसार 31 मार्च 2021 को बैलेंस शीट भरी गई थी। 2022 में कंपनी की ओर से बैलेंस शीट नहीं भरी गई है।
  • सिरप मामले में खुलासे के बाद WHO का अलर्ट आया। हालांकि, अब कंपनी की वेबसाइट बंद है।
  • कंपनी का कॉर्पोरेट वेस्ट दिल्ली में है। दिल्ली रजिस्ट्रार आफ कंपनीज में यह कंपनी एक्टिव है।

यह है पूरा मामला
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने बुधवार को भारत की फार्मास्युटिकल्स कंपनी के बनाए 4 कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। WHO ने कहा कि ये प्रोडक्ट मानकों पर खरे नहीं हैं। ये सुरक्षित नहीं हैं, खासतौर से बच्चों में इनके इस्तेमाल से गंभीर समस्या या फिर मौत का खतरा है। WHO ने कहा कि गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत गुर्दों की हालत बेहद खराब हो जाने की वजह से हुई है। बहुत मुमकिन है कि इन सिरप के इस्तेमाल के चलते ही बच्चों की मौत हुई हो। ये प्रोडक्ट अभी सिर्फ गाम्बिया में पाए गए हैं।

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