हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट, 15 जुलाई तक सतर्क रहने की अपील…अब तक 85 मौतें


शिमला : हिमाचल प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर बुधवार सुबह से बादल छाए हैं। हालांकि बीती रात कुछ जगह हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग ने आगामी छह दिनों तक राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की आशंका जताई है।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 9 से 15 जुलाई तक प्रदेश में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है, जिसमें 9, 10, 13, 14 और 15 जुलाई को खासकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। इन दिनों राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है।

बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में मौसम मुख्यतः फेयरली वाइडस्प्रेड रेन (एफडब्ल्यू) की श्रेणी में रहा।

सिरमौर जिला के मुखयालय नाहन में सबसे अधिक 70 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा नंगल डैम (36.0 मिमी), दौलतपुर (29.0), देहरा गोपीपुर (29.0), ओलिंडा (27.6), रोहड़ू (20.0) और गोहर (20.0) में भी अच्छी बारिश हुई। इसके अलावा सियोबाग और बजौरा में क्रमशः 39 और 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। साथ ही सुंदरनगर, मुरारी देवी और कांगड़ा में आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश हुई।

मौसम विभाग के अनुसार आज व कल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। इससे संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ की स्थिति बन सकती है।

वहीं 11 और 12 जुलाई को अपेक्षाकृत राहत के संकेत हैं औऱ बारिश की तीव्रता में कमी आएगी।

13 से 15 जुलाई तक एक बार फिर भारी वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। विशेषकर पहाड़ी इलाकों में सतर्क रहने की आवश्यकता है।

मौसम विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, नदी-नालों के पास न जाएं और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार पूरे प्रदेश में अब तक 198 सड़कों, 159 बिजली ट्रांसफॉर्मरों और 297 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है। अकेले मंडी जिला में 150 सड़कें बंद हैं, 140 ट्रांसफॉर्मर ठप पड़े हैं और 291 पानी की स्कीमें बाधित हैं।

बारिश की वजह से शिमला जिले में झाकड़ी के पास NH-5 बंद हो गया है। बरौनी नाला के पास क्रशर से बहकर आई रेत सड़क पर जम गई, जिससे एक वाहन फंस गया और मार्ग अवरुद्ध हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने मशीनरी मौके पर भेज दी है। इसी तरह स्टेट हाईवे 707 पर हाटकोटी-पांवटा साहिब मार्ग को खोल दिया गया है, लेकिन हाटकोटी-खोनी-कठासू मार्ग भूस्खलन के चलते बंद है।

इस बीच राज्य में इस मानसून सीजन में अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 129 लोग घायल हुए हैं और 35 लापता हैं।

प्रदेश में 20 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से अब तक 165 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं और 199 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। 366 गौशालाएं और 27 दुकानें भी तबाही की चपेट में आई हैं। पशुधन को भारी नुकसान हुआ है 254 मवेशियों और 10,000 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है।

मानसून की तबाही से अब तक हिमाचल को 718 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। 398 करोड़ रुपये का नुकसान जलशक्ति विभाग और 311 करोड़ का नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है।

मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 30 जून की रात को 12 स्थानों पर बादल फटे। जिले में अब तक 20 लोगों की मौत और 28 लोग लापता हैं। राज्यभर में अब तक 14 मौतें बादल फटने, 8 बाढ़, 8 पानी में बहने, 9 पहाड़ी गिरने, 4 करंट और 31 सड़क हादसों में हुई हैं।

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