लॉकडाउन में पति पत्नी औऱ वो के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा, जानिए क्या है पूरा मसला…


अमेठी। अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों के लिए एक दूजे का होने की ली गई कसम सात साल भी न चल पाई और दोनों के बीच विवाद इतना गहरा गया कि दोनों सड़क पर उतर आए और एक दूसरे को गलत ठहराने व दंडित कराने के लिए कोतवाली व न्यायालय के चक्कर काटते नज़र आ रहे हैं। पति पत्नी के बीच का  संबंध  विश्वास का होता है, अगर विश्वास की  डोर  एक बार टूट जाती है तो उसको फिर से जोड़ना कठिन हो जाता है। 

ऐसा ही एक ऐसा ही मामला अमेठी के गौरीगंज कोतवाली के कस्बे का सामने आया जहां पिछले 2 दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि दो बच्चों की मां जो पेशे से बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक है अपने बैंक कर्मी पति को छोड़कर गौरीगंज थाने के सिपाही के साथ अलग रहने लगी है।  पति यानी आशीष राजोरिया  कहना है  कि मैं परिवार सहित गौरीगंज कोतवाली अंतर्गत कस्बे में किराए के मकान पर रहता हूँ

। वहीं पर कोतवाली में तैनात  एक सिपाही  भी रहता है लॉक डाउन के बीच हम लोग अपने  कानपुर जिले में स्थित पैतृक गांव गए हुए थे जहां मेरे और मेरे पत्नी के बीच कुछ कहासुनी हुई थी। यहां लौटने पर जब इसकी जानकारी  आरोपी सिपाही को हुई तो उसने मेरी पत्नी को मेरे खिलाफ भड़काया औऱ इसी का फायदा उठाते हुए उसको अपने बस में कर लिया है और उसको मेरे खिलाफ मुकदमा और तलाक के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जब मैं अपने कमरे पर आया तो वहां मेरी बीवी बच्चे नहीं थे बहुत ढूंढने के बाद मुझे पता चला कि वह कहीं दूसरी जगह रह रहे हैं और मैं जब वहां जानकारी लेने पहुंचा तो वहां मुझे यह बताया गया कि यहां एक सिपाही अपने बीवी बच्चों के साथ में रहता है जैसे ही मैंने उस घर को खटखटाया तो उसमें से मेरे परिवार के साथ सिपाही भी अंदर मौजूद मिला । घटना की सूचना देने के लिए जब मैं प्रार्थना पत्र लेकर कोतवाली पहुंचा तो वहां सिपाही पहले से ही मौजूद था और मुझे मारने की धमकी भी दिया। मामला मीडिया में आने के बाद हाईलाइट हुआ तो पत्नी को खबर लगी और उसने अपनी बदनामी को देखते हुए  अपना दर्द  बयां करने तथा अपना पक्ष रखने के लिए प्रार्थना पत्र के साथ पुलिस अधीक्षक डॉ ख्याति गर्ग से मुलाकात कर पीड़ा को बयां किया है।

पत्नी ने बताया कि यह मेरा घरेलू विवाद था जो भी आरोप मेरे पति द्वारा  लगाए जा रहे हैं वह पूर्णतया गलत है। हमने अपने पति के खिलाफ 19 मई को गृह जनपद कानपुर में मु0 अ0 संख्या 234/2020 भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498ए/323 व दहेज प्रतिषेध अधिनियम 3 व 4 के अंतर्गत कोतवाली गोविंद नगर कानपुर में एफआईआर लिखाया है, जिसकी वजह से मेरे ऊपर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं ।  मैं अपने दोनों बच्चों के साथ अकेले रहती हूं, सच तो यह है कि मेरे पति ही मुझे प्रताड़ित करते हैं और उनके मां-बाप के द्वारा भी मुझे प्रताड़ित किया जाता है । मेरे पति का कई औरतों के साथ नाजायज  संबंध है औऱ वे आये दिन दहेज़ कम देने का उलाहना देते हुए रुपयों की माँग करते रहते हैं। इस  प्रकरण में आरोपी सिपाही  से  बात करने की कोशिश की गई तो वह  कुछ भी कहने से  बचता नजर आया। 

उच्चाधिकारियों से बात की गई तो  पति-पत्नी का विवाद बताते हुए सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही गई। दोनों पक्ष को सुनने के बाद कौन सही है कौन गलत है यह तो विवेचना और जांच का विषय है फिर भी पति पत्नी और वो की इस कहानी को सुनने के बाद समाज के लिए कई सवाल जरूर खड़े होते हैं। यदि पति के आरोपों को सही भी मान लिया जाय तो सवाल यह उठता है कि जीवन भर साथ निभाने का संकल्प ले लगभग 7 साल साथ रही पत्नी औऱ इस दौरान बनी दो बच्चों की माँ किसी छोटी सी बात पर दूसरे के साथ के साथ जाने का निर्णय क्यों ले रही? इसका जबाब तो समय के साथ मिलेगा । जहां तक सवाल महिला का है उसे अपनी मर्ज़ी से रहने औऱ तलाक़ देकर दूसरे के साथ शादी करने का भी अधिकार है।

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