नई दिल्ली। खाना बनाने के दौरान हमारा पूरा ध्यान अपने डिश के स्वाद को बढ़ाने पर होता है न कि कैसे उसके हेल्दी तत्वों को बरकरार रखा जाए। जिसके चलते घर में बना खाने के बाद भी हमारे शरीर को कुछ खास फायदे नहीं मिल पाते। लेकिन अगर आप खाने को कुछ अलग तरीकों से पकाएं तो स्वाद के साथ सेहत में भी फर्क देखने को मिलेगा।
क्या आप भी सेहत के चक्कर में बाहर का खाना खाने से बचते हैं? घर का बना शुद्ध- सादा खाना ही पसंद करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सेहत से जुड़ी किसी न किसी समस्या से परेशान ही रहते हैं। अगर ऐसा है, तो इसके पीछे एक वजह गलत कुकिंग मेथड भी हो सकता है। जी हां, जल्दी खाना पकाने और स्वाद पर फोकस करने के चलते हम कई ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जिससे खाने के ज्यादातर न्यूट्रिशन पकाने के दौरान ही नष्ट हो जाते हैं। जिससे शरीर को जरूरी मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता, तो आइए जान लेते हैं ऐसे ही कुछ मिस्टेक्स के बारे में, जिन्हें आपको करना चाहिए अवॉयड।
सब्जियों को एक साइज में न काटना
सब्जियां काटते वक्त हम इसे जैसे-तैसे काट लेते हैं ये सोचकर की पक तो जाएंगी ही, लेकिन ये तरीका सही नहीं है। ऐसा करने से सब्जियों के न्यूट्रिएंट्स बाकी नहीं रह जाते क्योंकि आधी सब्जी जरूरत से ज्यादा पक जाती है, तो आधी कच्ची ही रह जाती है। भले ही आप सब्जी में हेल्दी
कुकिंग ऑयल्स और हर्ब्स का यूज करें, लेकिन इससे हेल्थ को कुछ खास फायदा नहीं मिलेगा ये जान लें। इसलिए सब्जियों को हमेशा एक आकार में काटना चाहिए।
तेज आंच पर पकाना
जल्दी खाना बनाने के चक्कर में हम सब्जियों को तेज आंच पर पकाने की कोशिश करते हैं। जबकि कई सारी सब्जियों को लो फ्लेम की जरूरत होती है तभी उनके न्यूट्रिशन बरकरार रहते हैं। दूसरा कई बार ढककर भी नहीं पकाते। जो एक अच्छा तरीका है। सब्जियों को ढककर पकाने से उनसे निकलने वाला पानी ही उन्हें पकाने का काम करता है, लेकिन तेज आंच पर वो पानी जल जाता है फिर एक्स्ट्रा पानी डालकर उसे पकाने की कोशिश की जाती है, जो हेल्दी नहीं होता।
सब्जियों को हल्का उबालकर इस्तेमाल करना
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो कुछ खास सब्जियों जिसमें ब्रॉकली और गोभी जैसी सब्जियां शामिल हैं, इन्हें बनाने से पहले हल्का उबाल लेना सही मेथड होता है। इससे उनका कलर, टेक्सचर और स्वाद भी बरकरार रहता है। वहीं जब आप ऐसा नहीं करते। सीधे कड़ाही, कुकर में पकाते हैं, तो इनमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स की कुछ खास मात्रा बाकी नहीं रह जाती। विटामिन सी और पोटैशियम को लगभग खत्म ही हो जाते हैं।