जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह ने गुरुवार को एक पांच सितारा होटल में प्रदेश के लोकसभा सांसदों, जलदाय मंत्री महेश जोशी और अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन (जेजेएम) की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया कि मुझ़े शर्म आती है कि जल जीवन मिशन मामले में राजस्थान पिछड़ गया है। राजस्थान जल कनेक्शन में देश में 29वें और काम की गति के मामले में 32वें पायदान पर जा पहुंचा है।
बैठक में शेखावत राजस्थान में जेजेएम की धीमी रफ्तार से खफा नजर आए और विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल व इंजीनियरों पर नाराजगी भी जताई। बैठक खत्म होने के बाद शेखावत ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को जेजेएम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जल कनेक्शन के लिए 2019 से लेकर अब तक 27 हजार करोड़ रुपए दिए, लेकिन राज्य सरकार इस बजट में से 4 हजार करोड़ रुपए ही ले सकी। इसमें से भी 3500 करोड़ रुपए ही खर्च हुए, 23 हजार करोड़ का बजट लेप्स हो गया।
राजस्थान की छवि हो गई खराब
शेखावत ने कहा कि जेजेएम की प्रदेश में जो हालत है, उससे पूरे देश में राजस्थान की छवि खराब हो चुकी है। मिशन जब शुरू हुआ तब हम जल कनेक्शन के राष्ट्रीय औसत से चार प्रतिशत पीछे थे, लेकिन आज 16 प्रतिशत पीछे हैं। उन्होंने कहा कि मैं देश के कई राज्यों में जाता हूं और वहां काम की धीमी गति पर अफसरों को डांटता हूं तो अफसर कह देते हैं कि आपके राज्य में ही मिशन पिछड़ रहा है। यह सुनकर मुझे शर्म आती है कि मैं राजस्थान से हूं। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में कागजों में ही तकनीकी स्वीकृतियां जारी कर दी गई और उसे ही जल कनेक्शन मान लिया गया।
राजनीति नहीं छोड़ेंगे तब तक नहीं निकलेगा समाधान
शेखावत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर कहा कि हमने जलदाय मंत्री महेश जोशी से आग्रह किया है कि जब तक हम राजनीति नहीं छोड़ेंगे तब तक इसका समाधान नहीं होगा। इस परियोजना की संकल्पना हमारी ही सरकार के समय हुई। 13 जिलों की पेयजल और सिंचाई की समस्या के समाधान की कोशिश शुरू हुई, जहां तक राज्य की कांग्रेस सरकार के प्रयासों की बात है, तो इस परियोजना को लेकर किसी ने मुझसे दिल्ली में आकर बात नहीं की।
बैठक में शामिल नहीं हुए ये सांसद
सांसदों की जेजेएम में भूमिका को लेकर हुई यह बैठक पहले से ही तय थी। इसके बावजूद भी प्रदेश के 25 लोकसभा सांसदों में से 17 ही सांसद बैठक में पहुंचे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सांसद पीपी चौधरी, बाबा बालकनाथ, दुष्यंत सिंह, निहाल चंद मेघवाल, नरेन्द्र खींचड़, अर्जुन मीना सहित कुल आठ सांसद बैठक में नहीं पहुंचे। यह बैठक इसलिए रखी गई थी कि दिल्ली में सांसदों ने यह आरोप लगाया था कि जेजेएम में क्या काम हो रहा है।
इस बारे में हमसे किसी तरह की कोई बात प्रदेश में नहीं की जा रही है। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने बैठक में कहा कि बगरू विधानसभा में 27 गांवों को जेजेएम में चयनित किया गया है। पाइपलाइन डाल दी गई है, लेकिन पानी मिलना शुरू नहीं हुआ है। बगरू विधानसभा के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार के समय बीसलपुर से पानी लाने की योजना बनी थी, लेकिन इस योजना पर काम शुरू नहीं हुआ है। इसी तरह विद्याधर नगर विधानसभा के कई इलाके बीसलपुर के पानी से वंचित है। यहां भी बीसलपुर का पानी पहुंचाया जाए।
जेजेएम में काम की रफ्तार की धीमी गति अब होगी तेज
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बैठक में स्वीकार किया कि जेजेएम में काम की रफ्तार धीमी है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के हिस्से की राशि को 90-10 के अनुपात में किया जाए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को पूरा करने का समय वर्ष 2024 की जगह वर्ष 2026 तक बढ़ाया जाए।
देरी के लिए केंद्र-राज्य दोनों जिम्मेदार
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश के 13 जिलों के लिए गंगा साबित होने वाली पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में देरी के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों जिम्मेदार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जितने संसाधन केंद्र के पास हैं, उतने राज्य के पास नहीं है। मध्यप्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और केंद्र चाहे तो तत्काल एनओसी दिला सकता है। इस मामले को मैंने पांच बार लोकसभा में उठाया है। पांच सितारा होटल में बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो यह देखने आया था कि पांच सितारा होटल में बैठक कैसे होती है। यहां हमें किस ब्रांड का पानी पिलाया जाता है और गांव का गरीब कैसा पानी पी रहा है।
सांसदों ने की शिकायतें
करौली- धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया ने कहा कि मिशन की परियोजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन में नहीं बुलाया जाता। फील्ड से लेकर सचिवालय में बैठे अफसर सांसद का फोन तक नहीं उठाते।- दौसा सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि जेजेएम में जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। दो गांवों में 100 प्रतिशत जल कनेक्शन बता दिए, लेकिन मौके पर एक भी कनेक्शन नहीं मिला। दौसा में 15 दिन में एक बार पानी मिल रहा है।