-आईआईएमटी में एसएससी की परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया
-2014 में किया था भारत का प्रतिनिधित्य, एसएसपी से की शिकायत
लियाकत मंसूरी
मेरठ। कर्नाटक से शुरू से हुए हिजाब विवाद की आंच मंगलवार को मेरठ पहुंच गई। मिस वर्ल्ड (मुस्लिम)-2014 में हिजाब पहनकर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली नाजरीन अली को एसएससी की परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। विरोध करने पर यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने नाजरीन और उसके पिता की बुरी तरीके से पिटा। नाजरीन का आरोप है, उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। उसके पिता को विवि में बंधक बना लिया गया। नाजरीन ने एसएसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
नाजरीन अली लिसाड़ीगेट क्षेत्र के रशीद नगर की रहने वाली हैं। 2014 में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में मिस वर्ल्ड (मुस्लिमा) प्रतियोगिता हुई थी, जिसमें नाजरीन अली ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। यह कॉम्पीटिशन पूरी तरह इस्लामिक था। इस प्रतियोगिता में 25 देशों की करीब 500 लड़कियों ने हिस्सा लिया था, इसमें वह अकेली भारतीय थीं। प्रतियोगिता में नाजरीन अली रनरअप रही थी। यह खिताब जीतने वाली नाजरीन पहली भारतीय महिला हैं।
हिजाब में देख गेट पर ही गार्ड ने रोक लिया
नाजरीन अली ने बताया, वह सोमवार को मवाना रोड स्थित आईआईएमटी में एसएससी की परीक्षा देने गई थी। वह हिजाब में थी, गेट पर मौजूद गार्ड ने उसको अंदर प्रवेश कराने से मना कर दिया। जब इसका कारण पूछा गया तो वह कोई जवाब नहीं दे सका। कहा कि साथ में उसके पिता महमूद अली भी थे, जब विरोध किया तो आरोप है, विवि के कर्मचारियों ने उसके पिता को अपने कब्जे में ले लिया और अंदर ले गए, उनके साथ बुरी तरह से पिटाई की। जब उसने विरोध किया तो उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया।
जांच के बाद कार्रवाई का दिया आश्वासन
मंगलवार सुबह नाजरीन अली अपने पिता के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंची। नाजरीन ने इस मामले की शिकायत कप्तान से की। एसएसपी की गैर मौजूदगी में बैठे अधिकारी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। दैनिक भास्कर से बातचीत में नाजरीन ने बताया, युवतियों के पर्दे में रहने में कोई हर्ज नहीं है। हिजाब से लड़कियों की तरक्की में किसी तरह की रुकावट नहीं आती, बल्कि इससे उनका कॉन्फिडेंस ही बढ़ता है। वह लड़कियों के लिए कुछ बेहतर करना चाहती हैं।
मुझे पढ़ना है, हिजाब से मेरा कोई वास्ता नहीं: नाजरीन
नाजरीन ने बताया, मैं देश की बेटी हूं और मैं सिर्फ वहां परीक्षा देने गई थी, मुझे नहीं पता मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया, हिजाब से मुझे कोई मतलब नहीं है, मुझे पढ़ना है और देश का नाम रोशन करना है। यूनिवर्सिटी के लोगों ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया, मुझे नहीं पता।