मेडिकल डिवाइस की दृष्टि से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मार्केट बन कर उभरा है : योगेश मुद्रास
नई दिल्ली। जैसे-जैसे दुनिया अधिक डिजिटलाइज़ेशन की तरफ बढ़ रही है, वैसे- वैसे स्वास्थ्य सेवा और कल्याण के लिए तकनीक के इस्तेमाल में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। टेलीमेडिसिन के उपयोग के जरिए मरीज के साथ सीधी बातचीत से लेकर हेल्थ इन्फॉर्मेटिक्स (कम्युनिकेशन में सुधार के लिए कंप्यूटर स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम का अध्ययन और उस पर अमल) के लिए डेटा और आधुनिक सूचना के इस्तेमाल तक, रिमोट निगरानी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बरकरार रखने तक डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशन का उपयोग बढ़ा है।
इन्हीं सब मुद्दों को लेकर दिल्ली में द्वारका स्थिति यशोभूमि में ‘इंडिया हेल्थ 2024’ एक्सपो के पहले संस्करण की शुरूआत गुरुवार को यहां हुई। 15 जून तक चलने वाले इस प्रदर्शनी का आयोजन इनफोर्मा मार्केट्स इन इंडिया द्वारा किया जा रहा है। इसमें बायोमेडिकल इंजीनियर, पैथोलोजिस्ट, रेडियोलोजिस्ट, हॉस्पिटल कन्सलटेन्ट, मेडिकल डिवाइस वितरक, चिकित्सक, प्रोक्यरोमेन्ट मैनेजर, आर एण्ड डी पेशेवर एवं अन्य विनियामक प्रतिनिधि शामिल है। अरब हेल्थ प्रदर्शनी से प्रेरित इंडिया हेल्थ का उद्देश्य हेल्थकेयर के आधुनिकीकरण के लिए विश्वस्तरीय मंच उपलब्ध कराना तथा लर्निंग, नेटवर्किंग के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना है। इस उद्घाटन के मौके पर हंगरी के नई दिल्ली में राजदूत इस्तवन सजाबो, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी, मैनेजिंग डायरेक्टर इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया योगेश मुद्रास आदि मौजूद थे। उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में योगेश मुद्रास ने बताया कि प्रदर्शनी ने स्वास्थ्य के साथ-साथ उद्योग जगत के रूझानों पर भी रोशनी डाली जा रही है। यहां पर डिजिटल हेल्थ तकनीकें जैसे टेलीहेल्थ, वियरेबल्स, एआई उन्मुख डायग्नॉस्टिक, हेल्थकेयर उद्योग में बढ़ते प्रभाव को भी फोकस किया गया है। उन्होंने दावा किया कि इंडिया हेल्थ एक्स्पो 2024 हेल्थकेयर के क्षेत्र में इनोवेशन्स एवं उत्कृष्टता के भविष्य का सफल प्रदर्शन कर रहा है और नई दिल्ली को हेल्थकेयर उद्योग के विश्वस्तरी हब के रूप में स्थापित करेगा।
भारत में हेल्थकेयर सबसे बड़े सेक्टरों में से एक के रूप में उभरा है, जहां सार्वजनिक एवं निजी सेक्टरों के निवेश, बढ़ते कवरेज एवं बेहतर सेवाओं के चलते तेजी से विकास हो रहा है। मेडिकल डिवाइस की दृष्टि से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मार्केट है, जहां टेलीमेडिसिन एवं एआई ऐप्लीकेशन्स में तेजी से प्रगति हुई है, जिसके चलते आने वाले समय में सेक्टर में उल्लेखनीय विकास की संभावनाएं हैं। एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक टेलीमेडिसिन 5.4 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा, और एआई भी 2024 तक 45 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहा है। विकास की इस तीव्र दर को देखते हुए हेल्थटेक सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियों के अवसर उत्पन्न होंगे। यह प्रदर्शनी देशी-विदेशी ब्राण्ड्स को एक मंच पर लाकर विभिन्न सेक्टरों में आपसी साझेदारियों और इनोवेशन्स का मार्ग प्रशस्त करेगा। ट्रांसफोर्मेशन ज़ोन, स्टार्ट-अप पैविलियन और कंटेंट-रिच कॉन्फ्रैन्स सम्मेलन का आकर्षण केन्द्र होंगे जो सेक्टर में मौजूद अवसरों, इनोवेशन्स एवं चुनौतियों तथा भारत के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में इसकी भूमिका पर रोशनी डालेंगे। हेल्थकेयर क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने कहा, “वर्तमान में, भारत में स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है। देश की नीतियाँ ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ और ‘मेक इन इंडिया’ की ओर तेजी से बढ़ रही हैं, जो पारंपरिक संदर्भों से परे स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास को दर्शाता है।