
India Pakistan Ceasefire : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव शुरू हुआ। हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान पर बड़ी एयरस्ट्राइक कर दी। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन चुकी थीऔर पिछले चार दिनों तक माहौल और भी अधिक नाजुक हो गया था। इसी बीच 10 मई की शाम को अचानक दोनों देशों ने संघर्षविराम की घोषणा कर दी। जिसकी जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी। 86 घंटे तक हवाई हमले और सीमा पर फायरिंग करने के बाद आखिर कैसे बनी सीजफायर पर सहमति? 7 मई से लेकर 10 मई तक कब क्या हुआ…
India Pakistan Ceasefire : 90 घंटे तक कब और क्या हुआ?
1. 7 मई को आधी रात को शुरू हुआ था ऑपरेशन सिंदूर
भारतीय सेना ने 7 मई 2025 की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन का मकसद पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेना था। भारतीय सेना ने रातभर चले अभियान में पाकिस्तान और PoK में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में करीब 90 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया। भारतीय सेना की इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने 8 मई की रात को सीमा से सटे इलाकों पर आक्रमण शुरू कर दिए, जिसमें पुंछ, राजौरी समेत कई रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया।
2. 8-9 मई को पाकिस्तान और भारत ने ड्रोन अटैक किए
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारतीय सीमा में घुसपैठ का प्रयास किया और पुंछ, राजौरी जैसे इलाकों में नागरिक आबादी को निशाना बनाया। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी सेना के महत्वपूर्ण ठिकानों को ध्वस्त किया। 9 मई की रात को पाकिस्तान ने ड्रोन से हमले जारी रखे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने रावलपिंडी सहित पाक सेना के 4 एयरबेस को नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने अपने मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए फतेह मिसाइल दागी, जिसे भारतीय वायुसेना ने सिरसा एयरबेस से हवा में ही नष्ट कर दिया। जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन चुके थे।
इसी बीच, 9 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमला किया। भारतीय वायुसेना ने रावलपिंडी के नूरखान, चकलाला और पंजाब के सरगोधा एयरबेस को निशाना बनाते हुए ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइलें दागीं। इसके साथ ही, PoK में जकोबाबाद, भोलारी और स्कार्दू एयरबेस को भी ध्वस्त कर दिया गया। इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान को उसकी सैन्य क्षमताओं का अहसास कराना था।
3. 10 मई को अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान युद्ध में एंट्री
भारत के इन एयरबेस पर हमले से पाकिस्तान घबरा गया। रक्षा सूत्रों ने खबर दी कि भारत अब उनके परमाणु नियंत्रण और संचार तंत्र को निशाना बना सकता है। इस वजह से पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया। इसी बीच पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई। अमेरिका पहले से ही दोनों देशों के संपर्क में था। परंतु, जब उसे पता चला कि भारत परमाणु हथियारों पर भी हमला कर सकता है, तो उसने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए प्रेरित किया।
4. 10 मई को दोपहर 3.35 बजे पाकिस्तान ने की सीजफायर की पेशकश
अमेरिका ने इस्लामाबाद को तुरंत सीमा पर गोलीबारी रोकने और भारत के साथ संवाद करने का निर्देश दिया। 10 मई की दोपहर लगभग 03:35 बजे पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन किया। इस बातचीत में पाकिस्तान ने संघर्षविराम (India Pakistan Ceasefire) का प्रस्ताव रखा। पाकिस्तान ने भारत से आग्रह किया कि वह सीमा पर फायरिंग बंद करे और बातचीत शुरू करे।
5. भारत ने घोषित किया सशर्त पूर्ण युद्धविराम
भारत ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, लेकिन अपनी शर्तों के साथ। भारत ने स्पष्ट किया कि उसने किसी भी औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य वार्ता में भाग लेने से इनकार कर दिया है। भारत ने यह भी कहा कि वह पाकिस्तान के ऊर्जा और आर्थिक लक्ष्यों पर भी हमला कर सकता है। फिर भी, पाकिस्तान की गुहार के बाद भारत ने इस संघर्षविराम का अवसर दिया।
6. भारत ने कहा- पाकिस्तान पर जारी रहेंगे सभी प्रतिबंध
दोनों देशों ने अपने-अपने हितों का सम्मान करते हुए संघर्षविराम पर सहमति व्यक्त की। भारत ने अपनी शर्तें रखीं हैं। इसमें सिंधु जल समझौता अभी भी रद्द है। साथ ही, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में कोई भी आतंकवादी हमला भारत के लिए ‘आक्रमण’ माना जाएगा। इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है, और अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों पक्ष मिलकर स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
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