अपनी कीचड़ पडौसी पर फैंकने की बजाए स्वयं के गिरेवाँ में झांके पाकिस्तान : विहिप

नई दिल्ली। । पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप के केन्द्रीय महा-मंत्री मिलिंद परांडे ने आज कहा है कि पडौसियों पर अपनी कीचड़ उछालने से पूर्व ना-पाक-पाकिस्तान को वहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति मुस्लिम कट्टरपंथियों व सरकार द्वारा प्रायोजित निर्मम अत्याचारों को रोकना चाहिए। पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई इत्यादि धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति 70 वर्षों से अनवरत रूप से किए जाने वाले धर्मांतरण, अमानवीय अत्याचार व हत्याएं जग जाहिर हैं। ऐसे लोगों को भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में बोलने का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि जो देश इस्लामिक आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर अन्य देशों में निर्यात करता है, विश्व भर के लाखों निहत्थे व निर्दोष लोगों की हत्या का पाप जिसके मत्थे पर है, उसके द्वारा भारत पर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का आरोप बेहद हास्यास्पद है।


श्री राम जन्मभूमि सम्पूर्ण विश्व के हिन्दुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है. इसे विदेशी आक्रमणकारी बाबर के सेनापति द्वारा तोड़ा गया. हिन्दू समाज ने 1992 की गीता जयंती के दिन भारत पर एक अपमान व कलंक के प्रतीक उस ढाँचे को तोड़कर एक छोटे से मंदिर का निर्माण किया। यहाँ के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने वह पवित्र भूमि भगवान श्रीराम के मन्दिर निर्माण हेतु हिन्दू समाज को सौंप दी है. उसके बारे में भी कुछ भी कहने का अधिकार पापी-पाकिस्तान को नहीं है।
हमारे यहाँ के नागरिकता संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान की चिंता समझ आती है। क्योंकि यह कानून भारत के मुसमानों से सम्बन्धित नहीं होकर पाकिस्तान बांग्लादेश व अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने से सम्बन्धित है तथा उनके निर्मम अत्याचारों की कलई खोलता है.

किन्तु यदि उसे इस पर शर्म आती है तो क्यों नहीं अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करता? कोरोना संकट के इस काल में भी उनके घरों को तोड़ा जा रहा है, भूखे मरने को मजबूर किया जा रहा है, धर्मांतरण की शर्त पर ब्लेकमेल करते हुए ही भोजन बांटने का अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, बहू-बेटियों को उठाया जा रहा है तथा धर्म-स्थलों को ध्वस्त किया जा रहा है??


विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि भारत ने अपने हिंदुत्व यानि लोक कल्याणकारी मार्ग पर चलते हुए ही वैश्विक संकट के इस काल में भी विश्व भर के अनेक देशों की मदद की है। यहाँ से भेजे गए धन, अनाज, दवाइयों, चिकित्सकों व चिकित्सकीय उपकरणों इत्यादि की मदद की सम्पूर्ण विश्व ने जहां भूरि-भूरि प्रशंसा की है. वहीँ, पाकिस्तान मदद के वैश्विक प्रयासों में अडंगे डालने में ही व्यस्त रहा।

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