
दस्त रोग की रोकथाम के लिए 15 जून तक चलेगा अभियान
बहराइच l बाल्यावस्था में पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में दस्त रोग की रोकथाम के सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े की शुरुआत की गयी । इसके लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टाल लगाकर दस्त रोग से पीड़ित बच्चों को ओआरएस व ज़िंक की गोली वितरित की गयी ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने बताया कि दस्त रोग पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में दूसरे नंबर पर है, जिसका उपचार ओआरएस व जिंक की गोली मात्र से किया जा सकता है। इससे बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है । उन्होने बताया दस्त रोग का प्रमुख कारण दूषित पेय जल, स्वच्छता एवं शौचालय का प्रयोग न करना तथा 5 वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना है । दस्त रोग से बचाव व प्रबंधन के लिए प्रत्येक वर्ष की भांति माह जून में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है यह पखवाड़ा 15 जून तक चलाया जाएगा ।
क्या दस्त रोग –
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि चौबीस घंटे में तीन या तीन से अधिक बार पतला मल जिसमें मल से अधिक पानी मात्रा होती है दस्त रोग कहलाता है । स्तनपानकरने वाले शिशुओं में तीन से अधिक बार मल करने को तभी दस्त कहा जायेगा जब मल में पानी की मात्रा अधिक हो और शिशु कई बार मल त्याग कर रहा हो। उन्होने बताया दस्त रोग में शरीर से अधिक पानी की मात्रा निकल जाने पर शरीर में निर्जलीकरण हो जाता है और पोषक तत्वों की शरीर में कमी हो जाती है । इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। समय पर इलाज न होने पर जान भी जा सकती है। उन्होने बताया इससे बचाव के लिए पखवाड़े के दौरान ओआरएस व ज़िंक की गोली का वितरण किया जाएगा।
निर्जलीकरण के लक्षण –
● बच्चा सुस्त रहता है
● बच्चे की आँखें धंस जाती हैं
● बच्चे को कुछ भी पीने में कठिनाई होती है
● पेट की त्वचा पर चिकोटी भरने पर बहुत धीमे वापस जाती है
निर्जलीकरण से बचाव-
● बच्चे को हर दस्त के बाद ओ0आर0एस0 का घोल अवश्य दें
● 14 दिनों तक जिंक की गोली खिलाएं
● स्वास्थ्य केंद्र अथवा आशा या एएनएम के पास ओ0आर0एस0 और जिंक की गोली निःशुल्क उपलब्ध है
● पैकेट पर एक्स्पायरी डेट अवश्य देख लें |
● बच्चे को स्वास्थ्य केंद्र ले जाना न भूलें
● छह माह से कम उम्र के बच्चे को सिर्फ स्तनपान करायें ऊपर से कुछ भी न दें