इंटरपोल की बैठक: मोस्ट वांटेड आतंकी के नाम पर पाकिस्तान के डायरेक्टर ने साधी चुप्पी

मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद को पाकिस्तान सरकार भारत को कब सौंपेगी? नई दिल्ली में इंटरपोल की बैठक में शामिल होने पहुंचे पाकिस्तान फेडरल एजेंसी (FIA) के डायरेक्टर ने इस सवाल पर चुप्पी साध ली। वे भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि आगे बढ़ाने के सवाल पर भी कुछ नहीं बोले।

इंटरपोल जनरल असेंबली 25 साल के बाद भारत में हो रही है। पिछली बार भारत में यह बैठक 1997 में हुई थी। दिल्ली में यह 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगी और इसमें 195 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

PM मोदी बोले- ऑनलाइन से कट्टरता फैला रहे आतंकी

बैठक में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, ड्रग्स की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध को मानवता के लिए वैश्विक खतरा बताया। PM ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व को एकजुट होने का समय आ गया है।

मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद सिर्फ भौतिक रूप से ही नहीं मौजूद है, बल्कि अब वह साइबर खतरों और ऑनलाइन कट्टरता से भी अपना दायरा बढ़ा रहा है।

इंटरपोल क्या है, कैसे काम करती है?

इंटरपोल अर्थात इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन एक ऐसी संस्था है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों की पुलिस के बीच तालमेल करती है।| इस संस्था में इंटरपोल से सदस्य देशों की पुलिस शामिल होती है और यह संस्था 1923 से काम कर रही है। इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में है।

2015 से धीरे-धीरे एक्टिव होने लगा दाऊद इब्राहिम

जांच अधिकारी के मुताबिक, 1993 ब्लास्ट के बाद देश से फरार हुआ दाऊद इब्राहिम 2015 में फिर से एक्टिव होने लगा। जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी हुई और ED ने उसके करीबियों, रिश्तेदारों और गुर्गों की प्रॉपर्टी भारत समेत मोरक्को, स्पेन, UAE, सिंगापुर, थाईलैंड, साइप्रस, टर्की, और ब्रिटेन में ट्रैक करना शुरू किया।

दाऊद पर NIA ने रखा है 25 लाख का इनाम

NIA की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद गैंग के लोग पाकिस्तान के सपोर्ट वाले आतंकी संगठनों तक फंड पहुंचा रहे हैं। इस वजह से मुंबई, ठाणे और आसपास के इलाकों में फिरौती, सट्टेबाजी, बिल्डरों को धमकी और ड्रग्स का कारोबार बढ़ा है। पिछले महीने दाऊद पर NIA ने 25 लाख रुपए का इनाम रखा था।

2015 से धीरे-धीरे एक्टिव होने लगा दाऊद इब्राहिम

जांच अधिकारी के मुताबिक, 1993 ब्लास्ट के बाद देश से फरार हुआ दाऊद इब्राहिम 2015 में फिर से एक्टिव होने लगा। जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी हुई और ED ने उसके करीबियों, रिश्तेदारों और गुर्गों की प्रॉपर्टी भारत समेत मोरक्को, स्पेन, UAE, सिंगापुर, थाईलैंड, साइप्रस, टर्की, और ब्रिटेन में ट्रैक करना शुरू किया।

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