IPS ने अपने दोस्त को बनाया HC का चीफ जस्टिस, करने लगा DGP को फोन

बिहार कैडर के IPS आदित्य कुमार ने अपने ऊपर शराबबंदी से जुड़े केस को खत्म कराने के लिए अपने दोस्त को ​​​​​हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बना दिया। इस फर्जी चीफ जस्टिस ने DGP एसके सिंघल को फोन कर केस खत्म करने के लिए कहा। वह भी एक नहीं 40 से 50 बार। केस खत्म होने के बाद खुफिया इनपुट से मामले का खुलासा हुआ।

इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार सहित उनके दोस्त अभिषेक भूपालका उर्फ अभिषेक अग्रवाल और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आदित्य फरार हैं। अभिषेक अग्रवाल, गौरव राज, शुभम कुमार और राहुल रंजन जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है।

पूछताछ में अभिषेक ने कई राज उगले

पूछताछ में अभिषेक ने कई राज उगले। अभिषेक ने बताया कि वह एक IPS अफसर को बचाने के लिए चीफ जस्टिस बनकर DGP को फोन करता था। सूत्रों से बताया कि गिरफ्तार अभिषेक के पास से नौ सिम कार्ड के साथ दर्जनों मोबाइल भी मिले हैं। मोबाइल की जब फोरेंसिक जांच की गई तो आरोप प्रमाणित हो गए। सख्ती से पूछताछ में भी आरोपी अभिषेक अग्रवाल ने अपना गुनाह कबूल किया। उसने एक SSP को बचाने के लिए DGP को फोन किया था। जांच में यह बात सामने आई है कि अभिषेक पहले भी जेल जा चुका है।

2018 में जेल जा चुका है अभिषेक

अभिषेक अलग-अलग लोगों को अलग-अलग आदमी बन कर फोन कर काम निकलवाया करता था। अभिषेक ने कई बार गृह मंत्री का PA बनकर भी अफसरों को फोन किया था। अभिषेक की पहुंच बड़े-बड़े नेताओं के साथ कई अधिकारियों से भी है। 2018 में भी पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था। इसके पहले 2014 में बिहार के एक पुलिस अधीक्षक को भी ब्लैकमेल किया था। उस समय पुलिस अधीक्षक के पिता से मोटी रकम की भी वसूली की थी। इसके अलावा एक अन्य IPS अफसर से भी 2 लाख की ठगी में इसका नाम आया था।

अभिषेक अग्रवाल पर बिहार में जालसाजी के कई मामले दर्ज है। भागलपुर में भी अभिषेक पर मामला दर्ज है। आपको बता दें कि अभिषेक बड़े-बड़े अधिकारियों और नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पोस्ट करता था। जिससे लोगों के बीच इसकी धमक बनी रहे। इस बार इसने फ्रॉड करने के लिए हाईकोर्ट के एक सीनियर जज के साथ तस्वीर खिंचवाकर वॉट्सऐप DP में लगा रखी थी, ताकि ऐसा लगे कि यह वास्तव में कोई जज है।

अभिषेक ने फेसबुक पर बड़े नेता और अफसरों के साथ ऐसी ही कई तस्वीरें पोस्ट की हैं। जिस IPS अफसर को बचाने के लिए वह DGP को फोन किया करता था उसे क्लीनचिट भी मिल गई है। उस IPS अफसर के खिलाफ शराब के एक मामले में थाने में केस दर्ज हुआ था। आर्थिक अपराध इकाई ने आरोपी अभिषेक के खिलाफ, धोखाधड़ी, फर्जी नाम से फोन करने व साईबर केस में जेल भेजा है। साथ ही पूछताछ में जो बातें निकल कर सामने आई है, उस आधार पर उस IPS अफसर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।

सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किया गया

13 अक्टूबर को यह मामला उच्च स्तरीय जांच के लिए इओयू में भेजा गया था। जांच में पता चला कि IPS आदित्य कुमार ने अपने ऊपर शराबबंदी से जुड़े एक मामले को खत्म कराने के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल का सहारा लिया। अभिषेक को एक सिम कार्ड दिया गया। उसने DGP को फोन कर खुद को चीफ जस्टिस बताया और आदित्य से संबंधित केस पर जानकारी मांगी।

DGP और उस नंबर से फोन करने वाले के बीच लगातार बात होने की बात कही जा रही है। इसके बाद आदित्य के खिलाफ केस खत्म भी हो गया। इओयू ने अभिषेक के ठिकाने पर छापेमारी की और वह सिम कार्ड व मोबाइल फोन बरामद किया गया जिससे DGP को फोन किए जाने की बात कही गई थी।

ऐसे रची गई साजिश

सितंबर में आदित्य ने अपने व्यवसायी मित्र अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर प्लान तैयार किया। साजिश के तहत चीफ जस्टिस के नाम पर DGP को फोन करवाने की योजना बनाई गई। इसके लिए पटना सिटी में मोबाइल सिम बेचने वाले गौरव राज के स्टाफ राहुल कुमार के नाम पर सिम कार्ड लिए गए।

यह सिम राहुल के नाम पर तो लिया गया, लेकिन उसे बोरिंग रोड में मिस्टर गैजेट नाम की दुकान के मालिक राहुल रंजन जायसवाल तक उनके स्टाफ शुभम के जरिए पहुंचाया गया। राहुल रंजन और अभिषेक जायसवाल दोनों कथित तौर पर दोस्त बताए जा रहे हैं। इसके बाद एक नया मोबाइल फोन खरीदा गया और फिर उसी फोन से DGP को फोन किया जाने लगा।

40 से 50 बार DGP से हुई बातचीत

सूत्रों के अनुसार DGP को चीफ जस्टिस बनकर फोन करने वाले व्यक्ति और DGP के बीच करीब 40 से 50 बार बातचीत की बात सामने आई है। फोन दोनों ओर से किए गए। गंभीर बात यह रही कि DGP को कोई व्यक्ति जज बनकर फोन करता रहा और DGP भी बात करते रहे। आदित्य पर धारा 420 और आईटी एक्ट के तहत केस हुआ है।

IPS पर क्या था आरोप

गया में SSP रहते मद्य निषेध से संबंधित मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। बाद में उन्हें गया SSP के पद से हटा दिया गया था। गया के फतेहपुर थाने में केस हुआ था।

मामले की चल रही जांच: ADG

मामले में पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल सिर्फ इतना कहा है कि मामले कि जांच चल रही है। ADG ( मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने पुलिस मुख्यालय का आधिकारिक पक्ष पूछे जाने पर कहा-केस इस अंडर इन्वेस्टिगेशन।

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