क्या वाकई जलमग्न, खलिहान व रास्ते की भूमि पर हो रहा अवैध प्लाटिंग का कारोबार ?

जरवल/बहराइच। आरोप है कि जरवल में रसूकदारो ने अवैध प्लाटिंग का कारोबार कर रहे हैं जिसमे जलमग्न की भूमि, खलिहान और सार्वजनिक रास्ते की भूमि पर मिट्टी डालकर अवैध प्लाटिंग का कारोबार भी शुरू हो चुका हैं। सूत्र बता रहे हैं कि भूमि की प्रकृति बदले बगैर प्लाटिंग के कार्य से सरकार को लाखों रुपए राजस्व का चूना भी लग रहा है। 

जो यहाँ चर्चा का विषय बन चुका है।बताते चले जरवल विकास खण्ड के ग्राम पंचायत जरवल देहात में जरवल-बीबीपुर मार्ग पर जलमग्न, खलिहान और सार्वजनिक रास्ते की भूमि पर मिट्टी डालकर तालाब की पटाई कर अवैध प्लाटिंग का कारोबार किया जा रहा है। भूमि की प्रकृति बदले बगैर अवैध तरीके से प्लाटिंग कर लाखों रुपये की राजस्व चोरी भी की जा रही है। जानकारों की माने तो कृषि भूमि की रजिस्ट्री करने में स्टांप शुल्क कम लगता है। जबकि आवासीय और व्यवसायिक उपयोग के लिए रजिस्ट्री कराने में छह गुना तक ज्यादा स्टांप शुल्क अतिरिक्त जमा करना पड़ता है। ग्राम पंचायत जरवल देहात निवासी रहमत अली ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर खलिहान, रास्ता और जलमग्न की भूमि से अवैध कब्जा हटवाने की मांग की है। अवैध प्लाटिंग के कारोबार में राजस्व विभाग की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध भी बताई जा रही है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जलमंगन आदि स्थानों पर लगे पचासों फलदार आम के पेड़ भी अवैध तरीके से काटे जाने की बात भी बताई है।हकीकत है क्या क्यो लग रहा है आरोप जाँच का विषय जरूर है।

इस संबंध में उप जिलाधिकारी कैसरगंज महेश कुमार कैथल से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जलमग्न की भूमि को लेखपाल द्वारा अलग करवा दिया गया है इसके बावजूद मै स्वयं मौके पर जाकर देख लूँगा।

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