
भास्कर समाचार सेवा
गडचिरोली जैसे नक्सल प्रभावित और पिछड़े क्षेत्र में जब कोई सकारात्मक पहल सामने आती है, तो वह सिर्फ एक योजना नहीं होती – वह उम्मीद की किरण बन जाती है। “मियाम चैरिटेबल ट्रस्ट” और “सुरजागढ़ इस्पात प्राइवेट लिमिटेड” की संयुक्त पहल “हर घर नौकरी, जीवन भर रोशनी” ऐसी ही एक प्रेरणादायी मिसाल बन रही है, जो आदिवासी युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है।

वडदलापेट (तालुका अहिरी) के दूरस्थ इलाके में स्थापित किया गया यह प्रशिक्षण केंद्र न केवल सरकारी नौकरियों की तैयारी का हब बन रहा है, बल्कि डिजिटल और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रहा है। इस परियोजना के तहत स्थानीय युवाओं को मुफ्त कोचिंग, कंप्यूटर ट्रेनिंग, फिजिकल ट्रेनिंग और अध्ययन सामग्री के साथ-साथ पोषण आहार, यूनिफॉर्म और परिवहन सुविधा भी दी जा रही है।
क्या है इस पहल की खासियत?
शारीरिक प्रशिक्षण: सेना, CRPF, नेवी, फॉरेस्ट विभाग जैसी सेवाओं में भर्ती के लिए विशेष कमांडो द्वारा फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती है।
शैक्षणिक मार्गदर्शन: अनुभवी शिक्षकों द्वारा निशुल्क कोचिंग, जिससे छात्रों की परीक्षा तैयारी सुदृढ़ हो।
डिजिटल साक्षरता: आधुनिक तकनीकी युग के अनुसार छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।
संसाधनों का समर्थन: सभी छात्रों को जूते, टी-शर्ट, स्टेशनरी और गुड़-चना जैसे पोषक तत्व नि:शुल्क दिए जाते हैं।
यातायात की सुविधा: दूरदराज़ के गांवों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए 25 किलोमीटर तक की पिकअप-ड्रॉप सेवा सुनिश्चित की गई है।
इस पहल का मूल उद्देश्य सिर्फ रोजगार देना नहीं, बल्कि पूरे समुदाय को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना है। जैसा कि मियाम ट्रस्ट की ओर से कहा गया – “एक सरकारी नौकरी न सिर्फ एक युवा का भविष्य बदलती है, बल्कि पूरे परिवार को विकास की दिशा में अग्रसर करती है।”
सुरजागढ़ इस्पात प्रा. लि. ने अपने CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के अंतर्गत इस परियोजना को वित्तीय और संसाधनों से सशक्त किया है, जबकि मियाम ट्रस्ट ने सामाजिक दृष्टिकोण से इस मिशन का संचालन किया है। इस प्रकार, यह साझेदारी एक आदर्श उदाहरण बन रही है कि जब निजी कंपनियां और सामाजिक संस्थाएं मिलकर काम करती हैं, तो नतीजे सिर्फ CSR तक सीमित नहीं रहते – वह एक सामाजिक क्रांति का रूप ले लेते हैं।
गडचिरोली के युवाओं के लिए यह पहल सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत है – जहां हर घर में रोशनी नौकरी के रूप में प्रवेश कर रही है।