पत्रकारिता दिवस विशेष : कलंकित होने से पत्रकारिता को बचाना होगा

जैदपुर बाराबंकी। यूं तो पत्रकारिता देश का चौथा मजबूत स्तंभ माना जाता है। पत्रकारिता के जरिए लोगों की समस्याओं सहित देश दुनिया की खबरों का अवलोकन किया जाता है।

इसीलिए पत्रकारिता को आज के हाईटेक जमाने में बड़ा महत्व दिया जा रहा है।लेकिन आज बहुत सारे पोर्टल अखबार टीवी चैनल के संचालक संपादक हो या ब्युरो सभी एक बड़ी तादाद में जाहिलों को पत्रकार का दर्जा दे रखे हैं। जो पत्रकारिता के नाम पर धब्बा साबित हो रहा है। यही अंगूठा टेक पत्रकार शासन प्रशासन से लेकर समाज के सभी वर्ग के लोगों को अपने पत्रकार होने का रौब दिखाते हैं। बहुत सारे अखबार या पोर्टल के संचालकाें द्वारा कक्षा पांच पास व अंगूठा टेक लोगों को पत्रकार बनाकर पत्रकारिता पर कलंक लगाने का काम किया जा रहा है। जनपद बाराबंकी मुख्यालय से लेकर क्षेत्रीय पत्रकार भी काफी संख्या में अनपढ़ गंवार है। लेकिन अपने को पत्रकार बताकर या फर्जी पढ़ा लिखा बताकर प्रेस कार्ड टांग कर सरेआम घूमना अपनी शान बनाये हुए हैं।

वरिष्ठ पत्रकारों का मानना है कि बिना डिग्री या अनपढ़ जाहिल पत्रकारों को अगर अखबार या मीडिया अधिकारीयों द्वारा अपना पत्रकार बनाया जाता है तो इसके खिलाफ भी सरकार को एक कानून बनाना चाहिए। जिससे यह फर्जी या अनपढ़ पत्रकारों की संख्या में कमी आ सके। अधिकतर यही अनपढ़ पत्रकार शासन प्रशासन के अधिकारियों सहित पुलिस प्रशासन पर भी अपनी पत्रकारिता का रौब जमाते नजर आते हैं। इन पत्रकारों की वजह से डिग्री होल्डर या पढ़े लिखे पत्रकारों की इमेज पर बड़ा बुरा असर पड़ रहा है। इस मामले में कई वरिष्ठ पत्रकारों की राय और मांग है कि इन अनपढ़ पत्रकारों की छंटनी कर के पत्रकारिता जगत को साफ सुथरा बनाया जाये साथ ही साथ सरकार से इस समस्या को नजर अंदाज न करते हुए एक कानून बनाये जाने की मांग भी की गई है। अब देखना यह है कि सरकार कहां तक इस समस्या पर नज़र रख कर क्या फैसला लेती है यह सभी सम्मानित पत्रकारों को इसका इंतजार रहेगा।

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