कबाड़ माफिया स्क्रेपिंग पॉलिसी घोटाला: आम आदमी सेना के खुलासे पर दर्ज शिकायत पर विजीलेंस विभाग ने मांगे सबूत

भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली। डीजल-पेट्रोल के 10-15 साल पुराने वाहनों की स्क्रेपिंग पॉलिसी के तहत दिल्ली में परिवहन विभाग और कबाड़ माफिया के किए गए एक घोटाले का सच एक संस्था (आम आदमी सेना) ने प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर उजागर किया था। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात कुमार ने सारे दस्तावेजों के साथ जाचं करने की मांग के तहत एलजी, एनआईए, सीबीआई और क्राइम ब्रांच को भी शिकायत देने की भी बात प्रेसवार्ता के दौरान कही थी। अखबारों में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए एक शिकायत दिल्ली सरकार के विजीलेंस विभाग में दर्ज कराई गई, जिस पर ही संज्ञान लेते हुए विजीलेंस विभाग ने शिकायतकर्ता से आरोप सिद्ध करने के लिए सबूत मांगे हैं।

यह शिकायत जहांगीर पुरी के युगांक जो आम आदमी सेना दिल्ली प्रदेश का कार्यकता है उस ने परिवहन विभाग आयुक्त पर एक कंपनी का पक्ष लेने का कहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विजीलेंस विभाग दिल्ली के पास दर्ज कराई है। उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए विजीलेंस विभाग ने उनसे अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए कोई सबूत प्रदान करने अनुरोध किया है। विजीलेंस सेक्शन अफसर नीलम ने शिकायतकर्ता को पत्र भेज कर कहा है, 7 दिन के भीतर अपनी शिकायत के समर्थन में अपने सबूत पेश करें, ताकि सीवीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार मामले में उचित कार्रवाई की जा सके।

बता दे कि राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात कुमार ने प्रेसवार्ता में दावा किया था कि प्रधानमंत्री द्वारा जनहित में जो स्क्रेपिंग पॉलिसी देश के सामने रखी थी उसका फायदा उठाते हुए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग अधिकारियों ने कबाड़ माफिया के साथ मिलकर करोड़ों का घोटाला किया है। उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली में जबरन घरों के सामने से वाहनों को उठाया गया और उन वाहनों का कुछ भी पता नहीं है। उन्होंने दावा किया था कि परिवहन विभाग के पास भी उठाए गए वाहनों का कोई डाटा मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा था कि परिवहन विभाग अधिकारियों की कबाड़ माफिया से मिली भगत के चलते ही एनजीटी के नियमों व केंद्र सरकार के नोटिफिकेश को दरकिनार कर दिया गया और कबाड़ माफिया के साथ मिलकर एनफोर्समेंट टीम का डर दिखा लोगों के साथ सरेआम गुंडागर्दी की गई। उन्होंने इन वाहनों का आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल करने का संशय भी जताया था।

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