कनिष्क विमान हादसे के आरोपी आसानी से बच निकले, फिर भी कनाडा ने खालिस्तान को लेकर साधी चुप्पी

कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई अनदेखी का ही यह कारण रहा कि कनिष्क विमान हादसे का मुख्य आरोपी तलविंदर सिंह परमार और उनके खालिस्तानी चरमपंथियों का समूह आसानी से बच निकला। विडंबना यह है कि परमार अब कनाडा में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों का हीरो बन चुका हैं।हालात ऐसे है कि प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस ने अपने अभियान केंद्र का नाम भी परमार के नाम पर रख डाला है।

लगभग 50 सालों से कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थक स्वतंत्र रूप से काम कर रहा हैं, लेकिन देश इन चरमपंथियों की धमकी, हिंसा, मादक पदार्थों की तस्करी पर चुप्पी साधी हुई है।

1985 में जब खालिस्तानियों ने एयर इंडिया के विमान कनिष्क पर ब्लास्ट किया, तब भी कनाडा ने इनके खिलाफ कोई सख्त रूख नहीं अपनाया। जिस समूह ने दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले किए उसके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं नेता कनाडा? सवाल है कि आखिर कनाडा खालिस्तानियों के प्रति इतना नरम रवैया क्यों अपनाए हुए है?

तलविंदर सिंह परमार बना हीरो

सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई अनदेखी का ही यह कारण रहा कि कनिष्क विमान हादसे का मुख्य आरोपी तलविंदर सिंह परमार और उनके खालिस्तानी चरमपंथियों का समूह आसानी से बच निकला।

विडंबना यह है कि परमार अब कनाडा में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों का हीरो बन चुका हैं। हालात ऐसे है कि प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस ने अपने अभियान केंद्र का नाम भी परमार के नाम पर रख डाला है। इससे खालिस्तानी चरमपंथियों का हौसला और बढ़ गया और कनाडा से इनका काम और तेजी से शुरू हो गया।

हरदीप सिंह निज्जर की करतूत

सूत्रों के मुताबिक, पिछले दशक में पंजाब में सामने आए आधे से ज्यादा आतंकी मामलों में कनाडा स्थित खालिस्तानी चरमपंथियों के लिंक सामने आए हैं। 2016 के बाद पंजाब में सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों की कई लक्षित हत्याएं हुई, जिसके पीछे और कोई नहीं बल्कि खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर था। निज्जर की हत्या के बाद से ही भारत और कनाडा के बीच आज विवाद पैदा हो गया है।

भारत और कनाडा विवाद का जड़ निज्जर

आज भारत और कनाडा के बीच पैदा हुई विवाद की जड़ निज्जर हत्याकांड है। सूत्र बताते है कि कनाडाई एजेंसियों ने कथित तौर पर कभी भी निज्जर और उनके दोस्तों के खिलाफ कोई जांच नहीं की। निज्जर के दोस्तों में भगत सिंह बराड़, पैरी दुलाई, अर्श डल्ला, लकबीर लांडा जैसे कई लोग शामिल थे।

पंजाब में बढ़ती हत्याओं की संख्या के बावजूद ये सभी कनाडा में एक ‘राजनीतिक कार्यकर्ता’ के तौर पर जाने जाते है। सूत्रों ने दावा किया है कि आज इस समय कनाडा से चलाए जा रहे जबरन वसूली रैकेटों के कारण पंजाब को भारी नुकसान हो रहा है। उत्तरी अमेरिकी देश में स्थित गैंगस्टर ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से ड्रग्स को लाते हैं और फिर उसे पूरे पंजाब में बेचा जाता हैं।

कनाडा में खुले तौर पर होता नशीली दवाओं का व्यापार

पंजाब में बेचे गए ड्रग्स के पैसे का एक हिस्सा कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों को जाता है। हैरान करने वाली बात यह है कि कनाडा में भी कई खालिस्तान समर्थक चरमपंथी नशीली दवाओं के व्यापार का हिस्सा हैं। पंजाब के गैंगस्टरों के बीच अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता अब कनाडा में काफी आम बात है। सूत्रों के मुताबिक, जब 2022 में भारत समर्थक सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या हुई को इसके पीछे भी निज्जर को ही दोषी ठहराया गया था।

कनाडा के नरम रवैये का कारण

सवाल है कि क्या कनाडा ने इसको लेकर कोई जांच की, तो जवाह है नहीं। कनाडाई एजेंसियों ने कथित तौर पर दोषियों को ढूंढने और वास्तविक साजिश को उजागर करने में कोई तत्परता नहीं दिखाई। कनाडा के नरम रवैये के कारण ही खालिस्तान समर्थक आज अपनी ताकत और धन का उपयोग करके भारत समर्थक सिखों को कनाडा के कई बड़े गुरुद्वारों से बाहर निकाल रहे है।

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