विकलांग बोर्ड सीएमओ कार्यालय में है तैनात है बाबू एस के कटियार
कैंसर के मरीज़ों से सर्टिफिकेट देने के बदले लेता है मोटी रकम
कानपुर। स्वास्थ्य विभाग की हालत में सुधार की कवायत करने में जुटे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जी रोज़ किसी न किसी जनपद में सरकारी अस्पतालों का निरक्षण कर दिशा निर्देश देते हुए विकास पथ की ओर अग्रसर है तो वहीं जिले के उर्सला अस्पताल में विकलांग प्रमाण पत्र को देने में बाबू एस के कटियार द्वारा विकलांगो से मोटी रकम वसूल कर उन्हें प्रमाण पत्र देने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है जिसकी शिकायत करते कुछ आवेदक अस्पताल में मिले। सूत्र बताते है कि बाबू शिव कुमार कटियार थैलेसीमिया और कैंसर तक के मरीज़ों से भी सर्टिफिकेट देने के नाम पर मोटी रकम की उगाही कर रहा है और उच्च अधिकारी भी उस पर कार्यवाही करने में कतरा रहे है।
आपको बता दे कि विकलांग बोर्ड सप्ताह में दो बार बैठता है सोमवार को काशीराम सेंटर में तथा गुरुवार को उर्सला अस्पताल में बोर्ड बैठता है। बोर्ड में आने वाले विकलांग ऑनलाइन आवेदन कर आते हैं जिसको डॉक्टरों द्वारा गहन निरक्षण के बाद उसको प्रमाणित करते है। उसके बाद का खेल अहरु होता है। बाबू शिव कुमार कटियार बिना किसी से चढ़ावा लिए वह दिव्यांग को प्रमाणपत्र नही देते है। ऐसी ही एक घटना देखने को मिली जो कि एक केंसर पीड़ित था। नाम न छापने की शर्त पर उसने बताया कि वह कैंसर का पीड़ित है और प्रमाण पत्र लेने आया था जिसके एवज में बाबू शिव कुमार कटियार ने उससे ₹8000 की मांग की और 5000 लेकर साथ ही तीन घंटा बैठाकर प्रमाण पत्र दिया। अस्पताल में डॉक्टर से बात की उनका कहना है कि हम तो प्रमाणपत्र जारी कर देते हैं बाबू को रजिस्टर ओर चढ़ा कर दे देना चाहिए वह क्यों नही देता क्या कारण नहीं बता सकते हैं। सूत्रों के अनुसार अगर इनके अलमारी का निरीक्षण किया जाए तो कई ऐसे सर्टिफिकेट मिलेंगे जिसमें हस्ताक्षर नहीं है और जिनमे है उन्हें दिया नही गया। वही अगर किसी दिव्यांग ने प्रमाण पत्र न देने पर उसका विरोध कीट बोर्ड के अध्यक्ष डॉ कनौजिया से मिलने को कहता है। अब योगी सरकार में शिव कुमार कटियार जैसे भ्र्ष्टाचार करने वाले बाबू पर स्वास्थ्य विभाग क्या कार्यवाही करता है ?
आपके द्वारा मामले को अवगत कराया गया है। इस प्रकार की कोई भी शिकायत मिलने पर सम्बंधित बाबू के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
डॉ नेपाल सिंह, सीएमओ कानपुर नगर