घाटमपुर। बिधनू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाल रोग विशेषज्ञ होने के बावजूद भी यहां मारीजो को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। जिसकी वजह मैनेजमेंट द्वारा उनकी ड्यूटी दो दिन और दो दिन नाइट में ही लगाई जा रही है, जिसके चलते वो सोमवार व शनिवार को ही दिन में ड्यूटी कर पाते है। शेष अन्य दिन सीएचसी में बने बाल रोग कक्ष कमरे में ताला लटकता रहता है। यहां पर मरीज दिनभर डॉक्टरों का इंतजार करते दिखाई देते है।
बिधनू सीएचसी में क्षेत्र के आए बाल रोग मरीजों को यहां पर दिनभर इलाज के लिए भटकना पड़ता है। बिधनू क्षेत्र के गांव निवासी सुशीला देवी अपने बेटे को दिखाने शनिवार को बिधनू सीएचसी पर पहुंची तो यहां पर दिनभर बाल रोग कक्ष में ताला लटकता रहा वह डॉक्टर के आने के इंतजार में दिनभर सीएचसी में बैठी रही। शाम होने पर वह वापस घर लौट गई। यही हाल यहां पर आए रमेश, अनुज, आशीष ने बताया की वह भी दिनभर अपने बच्चो को लेकर डॉक्टर के आने का इंतजार करते रहे।
पर यहां पर शाम तक कोई डॉक्टर नहीं आए जिसके चलते वह निराश होकर घर लौट आए और उन्होंने अपने बच्चे को प्राइवेट अस्पताल में दिखाया है। बिधनू सीएचसी में बाल रोग विशेषज्ञ के बतौर डॉक्टर नीलेश की तैनाती है। यहां पर रोजाना ओपीडी में बच्चों की संख्या 100 से 120 के लगभग रहती है। यहां पर डॉक्टर का न होने से लोगों को इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ता है।
-महीने में पांच दिन ही दिन आते है बाल रोग विशेषज्ञ
ग्रामीणों के मुताबिक़ बिधनू सीएचसी में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ एक महीने में पांच दिन ही दिन में डॉक्टर आते है। बाकी दिनों उनकी नाइट ड्यूटी रहती हैं। जिसके चलते क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। बिधनू चिकित्साधीक्षक डॉ राजेंद्र कुमार ने बताया की जानकारी मिली है, यहां पर दिन में मझावन के डॉ दिनेश भदौरिया की लगाई गई है, ताकि बच्चों को समय से उपचार मिल सके।