कानपुर : शाताब्दी वर्ष के समारोह में पूर्व राष्ट्रपति ने की शिरकत

कानपुर। कपड़ा कमेटी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी वर्ष महोत्सव का आयोजन रविवार  को लाजपत भवन, मोतीझील में किया गया।

शताब्दी वर्ष महोत्सव के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द तथा विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री  ब्रजेश पाठक एवं कैबिनेट मंत्री राकेश सचान एवं कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्जवलित किया गया।मुख्य अतिथि राम नाथ कोविन्द का स्वागताध्यक्ष निधिपति सिंहानिया द्वारा शॉल, बुके तथा कमेटी के अध्यक्ष विश्वनाथ गुप्ता ‘विस्सू बाबू’, प्रधान सचिव दीपक कुमार गुप्ता तथा कार्यक्रम संयोजक काशीप्रसाद शर्मा द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। सविता कोविन्द जी का विधि सिहांनिया द्वारा बुके, शॉल तथा इलायची माला प्रदान कर सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथि  ब्रजेश पाठक का कनिष्ठ उपाध्यक्ष श्यामजी गुप्ता द्वारा बुके, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रूमित सिंह सागरी ‘सनी सागरी द्वारा इलायची माला तथा अध्यक्ष  विश्वनाथ गुप्ता ‘विस्सू बाबू’ एवं कोषाध्यक्ष नवीनकुमार नेवटिया द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।कमेटी के प्रधान सचिव दीपककुमार गुप्ता द्वारा कमेटी की गठन एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम संयोजक काशीप्रसाद शर्मा ने कहा कि हमारी गौरवमयी संस्था कानपुर कपड़ा कमेटी प्रदेश की ही उत्तर भारत की प्रमुख व्यवसाइयों की संस्था है। पूर्व में कानपुर को पूरब का मानचेस्टर कहा जाता था। यहाँ का कपड़ा देश के साथ-साथ विदेशों को जाता था परन्तु शनैः-शनैः मिले बन्द हो जाने से सूरत, अहमदाबाद, मुम्बई, भीलवाड़ा से कपड़ा आने लगा।

मुख्य अतिथि रामनाथ कोविन्द ने कपड़ा कमेटी के शताब्दी वर्ष पर सभी व्यवसायियो का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महापौर प्रमिला पाण्डेय, नगर के सांसदगण, विधायकगण, नगर के कपड़ा व्यवसायी भाई, नगर के व्यवसायिक प्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारी गण उपस्थित रहे।

– पूर्व राष्ट्रपति ने कृतिका को कार्यक्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का साहस भरी दी प्रेरक सीख

पूर्व राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद  ने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में हिंदी माध्यम की ऑल इंडिया टॉपर कृतिका मिश्रा, आईएएस को बधाई और आशीर्वाद दिया।

महामहिम ने लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में दिए जाने वाले अपने उद्बोधन का उल्लेख करते हुए कृतिका को कार्यक्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का साहस और ईमानदारी से सामना करने की प्रेरक सीख दी। लगभग आधे घंटे की वार्ता में  महामहिम ने हिंदी माध्यम से इतनी उच्च रैंक लाने पर विशेष बधाई देते हुए हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की महत्ता पर भी विस्तार से बात की।

महामहिम ने प्रशासन से लेकर न्यायालय तक जन भाषा की आवश्यकता को बताया और उन्होंने प्रशासनिक सुविधाओं की जनता तक पहुंच बढ़ाने हेतु स्थानीय भाषाओं के संवर्धन के लिए कार्य करने हेतु कृतिका का मार्गदर्शन भी किया।  उन्होंने विपश्यना तकनीक का उल्लेख करते हुए  पर भी जोर दिया। कृतिका अपने पिता डॉ दिवाकर मिश्र के साथ सर्किट हाउस में महामहिम से मिली।

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