कानपुर : सील बिल्डिंग मेंं संचालित हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग ने दिया नोटिस

मामले की जांच जारी, जरूरी दस्तावेज न मिलने पर होगा लाइसेंस निरस्त

कानपुर। सरकारी विभागो में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग पाना मुश्किल सा साबित हो रहा है। शहर के हर सरकारी विभागो में भ्रष्टाचार का चक्र तरह चल रहा है कि इसे रोक पाना अब बहुत मुष्किल हो गया है। क्यों कि सरकारी अमला अवैध को वैध करने के लिए सुविधा शुल्क के नाम पर मोटी उगाही करने में लगा हुआ है। मीडिया द्वारा समाचार प्रकाशित करने पर या तो रिपोर्ट को अवैध हॉस्पिटल धमकी देता है या फिर खुद विभाग के अधिकारी ही बीच के सूत्रधार बन कर उसे निपटा देते है। हम आप को एक ऐसे हॉस्पिटल के बारे में बताने जा रहे है जिसको केडीए द्वारा सील किया गया था और आज भी वो बिल्डिंग कागजो में सील ही है, लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तरफ से कोई भी विधिक कार्यवाही नही की गई। बताते दे कि केडीए के अधिशाषी अभियन्ता ने 14 सितम्बर, 2020 को बर्रा थाने में 621/17 डब्लू ब्लाक स्कीम-2 जूहीकलां के मालिक प्रभुदयाल वर्मा पर परिसर मेें अनाधिकृत निर्माण कार्य किए जाने के कारण उ.प्र. नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 यथा संशोधित 1997 की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही करते हुए 3 फरवरी 2017 एवं 31/12/2018 को क्षेत्रीय पुलिस बल के सहयोग से सील कराया गया साथ पुलिस अभिरक्षा में देते हुए उसे निगरानी में रखने व दोबारा निर्माण न होने का अनुरोध किया था।

लेकिन प्रभुदयाल ने सरकारी सील को तोड कर रात्रि के समय चोरी छिपे निर्माण करवाना शुरू कर दिया। जिसकी जानकारी केडीए विभाग को होने पर उन्होंने क्षेत्रीय अवर अभियन्ता जनार्दन सिंह को 14 सितम्बर 2019 को स्थल निरीक्षण के लिए भेजा लेकिन, अवर अभियन्ता जनार्दन सिंह ने निरीक्षण कर जांच तो सौंप दी ,लेकिन उस पर एफआईआर करा कर विभाग षांत बैठ गया और उस बिल्डिंग पर अस्पताल का निमार्ण करवा उसका लाइसेंस भी स्वास्थ्य विभाग ने दे दिया। कल्याणपुर में चल रहे अवैध अस्पताल संचालको पर एसीएमओ डॉ. सुबोध प्रकाश यादव ने अपना हंटर तो चला दिया,लेकिन जो वास्तविक गुनहगार है उनपर अपनी कृपा बरसा दी। जबकि बिल्डिंग पुलिस अभिरक्षा में थी बावजूद इसके  उक्त पते 621/17 डब्लू ब्लाक जूहीकला को उमराव मल्टीस्पेशलटी हॉस्पिटल बनाने का लाइसेंस दे दिया। जिसका लाइसेंस संख्या- (सीएमईई 2118110) दिनांक 3/3/2021 को निर्गत किया गया। जिसमें मालिक के तौर पर प्रभुदयाल के बेटे मनीष वर्मा व हॉस्पिटल स्टाफ में डॉ. अनुराग वर्मा जीएसवीएम मेडिकल कालेज, डॉ. सुबोध बाजपेई जीएसवीएम मेडिकल कालेज व दो जीएनएम मोनिका व निशा राठौर को सर्टिफिकेट में दर्शाया गया। 

ममाले की जांच की जा रही है। उनके द्वारा कोई भी सही प्रमाण पत्र प्रस्तुत नही किया गया तो उनका लाइसेंस निरस्त किया जायेगा। फिल्हाल उनसे लाइसेंस सम्बंधित कागजात मांगे गए है उसी के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

  डॉ. सुबोध प्रकाश यादव, एसीएमओ

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