कानपुर : कड़ी सुरक्षा में शांतिपूर्ण हुई जुमे की नमाज

कानपुर। शुक्रवार को शहर समेत पूरे जिले में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण निपटी। हिंसा के बाद यह पहली जुमे की नमाज थी। पुलिस और प्रशासन का ज्यादा ध्यान इस बात पर रहा कि लोग नमाज के बाद जमा न हो, बल्कि अपने-अपने घरों को चले जाएं। इसमें पुलिस-प्रशासन पूरी तरह कामयाब रहा। इसके साथ ही प्रदर्शन के लेकर आशंकाओं का दौर खत्म हो गया।
बता दें कि आशंका थी कि जुमे की नमाज के बाद खुराफाती नमाजियों को बरगला कर भीड़ जमा कर सकते हैं। जिले में पहले से ही धारा 144 लागू है। काफी लोगों पर धारा 144 के उल्लंघन में कार्रवाई भी हुई। हालात सामान्य बने रहें और कहीं पर भीड़ जमा न हो इसके लिए शहर समेत जिले भर के संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त फोर्स के साथ दंगा नियंत्रण बल की तैनाती की गई। जुमे की नमाज को लेकर साइबर सेल भी सक्रिय है। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी, भ्रामक खबरें चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- एसआईटी की पूछताछ में हयात ने किए खुलासे, आए बिल्डर और कारोबारी के नाम
हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता हयात व अन्य से एसआईटी के विवेचक ने जेल में कई घंटे की पूछताछ की। भीड़ जुटाने की बात तो उसने स्वीकार की।उसके संगठन को फंडिंग करने के मामले में उसने बिल्डर समेत कई कारोबारियों के नाम बताए। एसआईटी ने इस तथ्य के सत्यापन की कार्यवाही शुरू कर दी है।
बता दे, बेकनगंज थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं। विवेचना डीसीपी साउथ संजीव त्यागी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। अब एसआईटी जांच कर रही है। कोर्ट की अनुमति लेकर विवेचक ने जेल में बंद हयात जफर हाशमी, जावेद अहमद, सूफियान व राहिल से पूछताछ की।जफर ने खुद को निर्दोष बताते हुए बोला कि बवाल की कोई साजिश नहीं थी। बाजार बंदी की कॉल थी जिसको वापस ले लिया गया था। हालांकि व्हाट्सएप चैट पर बंदी के खेल के बारे में जब पूछा गया, तो वह खामोश हो गया। उसने शहर के एक बड़े बिल्डर, चमनगंज के कई कारोबारियों के नाम बताए हैं। दावा किया कि ये लोग उसके एसोसिएशन को फंड देते रहे हैं। इसलिए अब यह सभी राडार पर आ गए हैं।हयात की ऐसोसिएशन के साथ शहर के कई जाने माने लोग बाजार बंदी के लिए लगे हुए थे। इन्हीं में से एक ने दो जून की रात ढाई बजे एक व्यापारी नेता को फोन कर रहमानी मार्केट बंद करने के लिए कहा था। रहमानी मार्केट की बंदी की पुष्टि हयात के व्हाट्सएप गुप से भी हुई थी।