कानपुर। गंगा में नालों सीवरेज नालों का प्रदूषित पानी सीधे गंगा में जाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निगम पर 35 लाख का जुर्माना लगाया है। शहर में जाजमऊ के बुढ़ियाघाट व शीतला बाजार नाला और गंगा बैराज के परमिया नाला का कचरा गंगा में गिरता हुआ पाया गया है।इसके एवज में 15 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह डबका नाला, सत्ती चौरा नाला, गोला घाट नाला, रानी घाट नाला भी गंगा में गिरता हुआ पाया गया। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डॉ. अमित मिश्रा के मुताबिक डबका नाला, सत्तीचौरा नाला, गोलाघाट नाला व रानीघाट नाले से अशोधित उत्प्रवाह सीधे गंगा में गिर रहा है।
बायोरेमिडिएशन किया ही नहीं जा रहा है। इसलिए 5 लाख रुपए प्रति माह के हिसाब से 20 लाख रुपए की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए नगर निगम पर जुर्माने की संस्तुति की गई हैं।बुढ़ियाघाट नाला, शीतला बाजार नाला, परमिया नाला से भी अशोधित उत्प्रवाह गंगा में गिरता मिला। इसके लिए जल निगम पर भी कार्रवाई की गई। कैंट में गिरने वाले सत्ती चौरा घाट, मैस्कर घाट और रामेश्वर घाट नाला समेत पांच नालों को 5 साल में भी डायवर्ट नहीं किया जा सका।
बता दें कि यहां से लेकर शासन तक प्रोजेक्ट रिपोर्ट की फाइल दौड़ती रही और हर बार पुनरीक्षण में अटक गई।अब आईआईटी प्रोजेक्ट की जांच करके हरी झंडी देगा। उस स्थिति मे ही परियोजना पर काम होगा। पहले जो डीपीआर तैयार किया गया था उसमें 48 करोड़ की लागत से इन नालों के अलावा रानी घाट और गोला घाट को भी डायवर्ट किया जाना था।